उदयपुर में सोमवार से शुरू हुए राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (सीपीए) भारत क्षेत्र सम्मेलन में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा- डॉ. सीपी जोशी ने जिस प्रकार से पक्ष-विपक्ष को लेकर काम किया, वह इतिहास बन गया। गहलोत ने कहा कि उन्होंने किसी को नहीं बख्शा, चाहे पक्ष हो या विपक्ष।
इसके बाद विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ की तरफ इशारा करते हुए कहा- मैं सोचता हूं कि राठौड़ मेरी बात से सहमत होंगे। ऐसा ही माहौल हमने बनाए रखा है।
सीएम ने संबोधन के दौरान चिरंजीवी योजना का भी जिक्र किया। जब उन्होंने अपनी पूर्व सरकार को लेकर जिक्र किया तो राठौड़ कहीं और देख रहे थे। तभी उन्होंने टोका और कहा- आप सुन नहीं रहे हैं...कहां देख रहे हो?
स्पीकर की पोस्ट को देता हूं अहमियत
शहर के कोड़ियात स्थित अनंता होटल में सोमवार से शुरू हुए सम्मेलन के शुभारंभ सत्र में सीएम गहलोत ने कहा- विधानसभा का जो भी स्पीकर बनता है उसे पार्टी सोच-समझ कर बनाती है।
वे मंत्री व मुख्यमंत्री बनने के लायक भी होते हैं। उनकी पर्सनैलिटी क्या है, सोच क्या है, उनमें कितनी योग्यता है, कितनी निष्पक्षता से काम करते हैं। मैं स्पीकर की पोस्ट को बड़ा महत्व देता हूं।
हम उदयपुर में हैं और उदयपुर सीपी की नगरी है। छात्र जीवन से संघर्ष करते-करते वे आज यहां पहुंचे हैं। ये प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व केन्द्र में मंत्री भी रहे। इनके पार्टी व सरकार में भी अपने अनुभव हैं। इनके अनुभवों का लाभ हमें मिला है।
सीएम ने राठौड़ को कहा- आप सुन नहीं रहे हैं
सम्मेलन में सीएम गहलोत ने चिरंजीवी योजना का भी जिक्र किया। उन्होंने आईटी और डिजिटल का उदाहरण देते हुए कहा- आज दवाइयों की सप्लाई और चिरंजीवी का सारा काम कम्प्यूटर के जरिए हो रहा है।
ये बोलते ही जब उन्होंने देखा कि राजेंद्र राठौड़ उनकी तरफ नहीं देख रहे हैं तो राठौड़ की तरफ इशारा करते हुए कहा- आप सुन नहीं रहे हैं...कहां देख रहे हो? मैं तो आपकी बात कर रहा हूं।
इसके बाद जब राठौड़ ने सीएम की तरफ देखा तो बोले- हमारी पूर्व सरकार के समय ये विपक्ष में थे तो चुनाव में हमारी बहुत आलोचना की। कहा था- चुनाव आ गया, इसलिए दवाइयां फ्री हैं, टेस्ट फ्री हो रहे हैं, सिर्फ चुनाव जीतने के लिए। जबकि मैंने दो साल पहले ऐलान कर दिया था।
मैं कहना चाह रहा हूं कि यह बिना आईटी के संभव नहीं है। उसके बिना योजना सफल नहीं हो सकती है।
गहलोत बोले- पहली बार सीएम बना तब लोक मित्र योजना शुरू की
सीएम ने डिजिटल का महत्व बताते हुए कहा कि डिजिटल युग, यह क्रांतिकारी काम है। अब तो हम सब इससे वाकिफ होते जा रहे हैं। जब प्रधानमंत्री राजीव गांधी के साथ 35 साल पहले मैं मंत्री था तब उन्होंने मिशन बनाए थे। उसमें यह भी एक मिशन था और उस माहौल से आईटी की शुरुआत हुई थी।
आज बगैर कम्प्यूटर के काम नहीं चलता है। मुझे गर्व है कि मैं पहली बार सीएम बना तब लोक मित्र नाम से योजना शुरू की। जितना ज्यादा आईटी की तरफ बढ़ेंगे, उतना फायदा होगा।
सोशल मीडिया का उपयोग भी हो रहा है और मिसयूज भी। एक बार रात को तीन-चार बजे टेलीफोन पर कॉल आया। मेरी नींद खुली और बात की तो बताया कि क्लब चल रहा है और हम परेशान हो रहे हैं।
मैंने उसी वक्त सीएमओ के एसपी को सूचना दी और पुलिस पहुंच गई। रात में इस तरह की गतिविधियां बंद करने के लिए एक अभियान शुरू हो गया।
कल उपराष्ट्रपति और राज्यपाल भी रहेंगे
मंगलवार को 'लोकतांत्रिक संस्थाओं के माध्यम से देश को मजबूत करने में जनप्रतिनिधियों की भूमिका' पर चर्चा होगी। इस सत्र में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और राज्यपाल कलराज मिश्र भी मौजूद रहेंगे।
सम्मेलन में 17 विधानसभा अध्यक्ष, 13 विधानसभा उपाध्यक्ष, 3 विधान परिषद सभापति और 5 विधान परिषद उपसभापति शामिल हुए हैं। कुल 46 डेलीगेट्स हैं।
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