मुनेश गुर्जर के नगर निगम जयपुर हेरिटेज का मेयर पद फिर से संभालते ही विवाद हो गया है। अब कांग्रेस पार्षदों ने मेयर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। 37 पार्षदों ने आज मेयर मुनेश गुर्जर को बर्खास्त करने के साथ ही उनकी गिरफ्तारी की मांग की।
उन्होंने सीएम के नाम पत्र में लिखा- 'यह निलंबित मेयर कांग्रेस पर कलंक है। इसके द्वारा कांग्रेस का नाम लेना भी पाप के समान है। इसे गिरफ्तार किया जाए।' इसके बाद अब नगर निगम में कांग्रेस के बोर्ड पर भी खतरा मंडराने लगा है।
शनिवार शाम को जयपुर में खाद्य मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के आवास पर विधायक अमीन कागजी और रफीक खान की मौजूदगी में 37 पार्षदों की बैठक हुई। इनमें 5 निर्दलीय पार्षद भी हैं। इसमें सभी पार्षदों ने मुनेश गुर्जर को निलंबित करने की मांग की। सभी ने अपने साइन कर मुनेश को बर्खास्त करने के साथ ही गिरफ्तार करने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी सौंपा।
पार्षदों ने कहा- मुनेश से कांग्रेस को नुकसान
37 पार्षदों ने सीएम अशोक गहलोत के नाम पत्र में लिखा- हम नगर निगम जयपुर हेरिटेज के सभी पार्षद भ्रष्टाचार की मूर्ति मुनेश गुर्जर के भ्रष्ट कार्यकलापों, जनता के साथ गलत व्यवहार, जयपुर में व्याप्त अव्यवस्था, पार्षदों और अधिकारियों के साथ गलत व्यवहार से पिछले ढाई साल से परेशान हैं। इसको बिना चुनाव के नेताओं के आदेश पर मेयर बना दिया। इसने मेयर बनते ही जीना हराम कर दिया। इसने झूठ बोला कि यह ग्रेजुएट है। इसके पास कोई डिग्री नहीं है। इसने भ्रष्टाचार की डिग्री प्राप्त कर ली है। पूरे जयपुर और राजस्थान में कांग्रेस पार्टी को इसने और इसके पति सुशील गुर्जर ने वोटों का भारी नुकसान पहुंचाया है।
मुनेश की मौजूदगी में हुआ लेन-देन
पत्र में लिखा- 4 अगस्त 2023 की शाम 7 बजे मेयर के पति सुशील गुर्जर को दो दलालों नारायण सिंह और अनिल दुबे के साथ मुनेश गुर्जर की उपस्थिति में उसके घर से रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। ACB ने 12 घंटे की रिकॉर्डिंग भ्रष्टाचार के पैसे लेते हुए दर्ज की है। मेयर की उपस्थिति में 6 बार पैसों का लेन-देन हुआ है। परिवादियों के बयान और रिकार्डिंग एसीबी ने सत्यापित कर दी है। इसके बावजूद एसीबी मुनेश गुर्जर को गिरफ्तार नहीं कर रही है। यह आपकी जीरो टॉलरेंस की नीति को भी एसीबी के द्वारा चुनौती देने के समान है।
पत्र में लिखा- भ्रष्ट मेयर के साथ काम नहीं कर सकते
यह भी लिखा- जिन मामलों में रिकार्डिंग नहीं होती है। रंगे हाथों नहीं पकड़े जाते। उनमें भी एसीबी गिरफ्तार कर लेती है। यह मामला तो पूरी तरह साफ है। इसलिए भ्रष्ट, निलम्बित मेयर मुनेश गुर्जर को तुरंत गिरफ्तार किया जाए। हम ऐसी भ्रष्ट मेयर के साथ काम नहीं कर सकते हैं। अगर इसमें नैतिकता होती तो पहले ही दिन निलंबन आदेश को चुनौती देने के बजाय इस्तीफा दे देती। यह निलम्बित मेयर कांग्रेस पर कलंक है। इसके द्वारा कांग्रेस का नाम लेना भी पाप के समान है। जो कांग्रेस सरकार के आदेश को चुनौती देकर, सरकार के प्रॉसिजर की मानवीय भूल का फायदा उठाकर स्टे लेकर सरकार को चुनौती दे रही है। इसे गिरफ्तार किया जाए।
इन पार्षदों ने खोला मोर्चा
मनोज मुद्गल, पुष्पेंद्र मीणा, नरेश कुमार नागर, नसीम बानो, मोहम्मद जकरिया, मोहम्मद फरीद कुरैशी, सुमित्रा देवी, अरविंद मेठी, कमलेश कंवर, आरिफ खान, दशरथ सिंह, उत्तम शर्मा, फारूक, अकबर पठान, मोहम्मद शफीक, मोहम्मद अयूब, सोहेल मंसूरी, मोहम्मद शोएब, रेशमा बेगम कुरेशी, सुशीला देवी, मोहम्मद अहसान कुरेशी, अजहरुद्दीन, उमेश शर्मा, संतोष, ज्योति चौहान, रश्मि गुजराती, सुनीता शेखावत, नसरीन बानो, सावित्री, सुनीता मावर, राबिया बहन गुडेज, असमा, नीरज अग्रवाल, पारस जैन, विजेंद्र तिवारी, फिरोज खान और हरमेंद्र खोवाल। इनमें मोहम्मद अहसान कुरेशी, राबिया बहन गुडेज, नसीम बानो, अकबर पठान समेत 5 निर्दलीय हैं।
सिविल लाइंस से टिकट के लिए किया आवेदन
इधर, मेयर मुनेश गुर्जर ने भी मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने जयपुर के सिविल लाइंस विधानसभा क्षेत्र से विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए शहर कांग्रेस अध्यक्ष आर आर तिवाड़ी को अपना आवेदन पत्र सौंपा है। हालांकि पार्षदों के विरोध को लेकर अब तक मेयर मुनेश ने कोई भी बयान जारी नहीं किया है।
मेयर के घर से मिले थे 40 लाख
एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की टीम ने 4 अगस्त को नगर निगम जयपुर हेरिटेज मेयर मुनेश गुर्जर के घर छापा मारा था। एसीबी की टीम ने मेयर के पति सुशील गुर्जर और दो दलालों को गिरफ्तार किया था। सुशील पर पट्टे बनाने की एवज में 2 लाख रुपए की घूस मांगने का आरोप था। मेयर के घर सर्च में 40 लाख रुपए नकद मिले थे। जिनके लिए नोट गिनने की मशीन मंगवानी पड़ी थी। इसके साथ ही एक दलाल के घर भी 8 लाख नकद बरामद हुए थे।
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