बांसवाड़ा ब्यूरो रिपोर्ट। 

सांसदी बहाल होने के बाद राहुल गांधी ने पहली सभा राजस्थान में की है। विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर आज राहुल गांधी बांसवाड़ा के मानगढ़ धाम आए।

कांग्रेस के कोर आदिवासी वोट बैंक के गढ़ में उन्होंने मणिपुर समेत विभिन्न मुद्दों पर पीएम नरेंद्र मोदी पर जुबानी हमला बोला। इससे पहले राहुल ने आज 12 बजे संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान मोदी सरकार को घेरा। इसके बाद वह राजस्थान में जनसभा के लिए रवाना हुए। राहुल दोपहर करीब 3 बजे उदयपुर एयरपोर्ट पर पहुंचे। यहां से बांसवाड़ा में सभा स्थल पर पहुंचे। मानगढ़ धाम राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र चार राज्यों के आदिवासी समाज के लिए आराध्य स्थल है। इनमें से मध्यप्रदेश और राजस्थान में इसी साल चुनाव हैं। ऐसे में यहां से राहुल गांधी राजस्थान की 25 और मध्यप्रदेश की 45 सीटों काे साधने की कोशिश की।

इसी के साथ राजस्थान में कांग्रेस की सेंट्रल लीडरशिप के चुनावी दौरों की शुरुआत हो गई। अगस्त के महीने में ही राहुल गांधी राजस्थान में तीन और सभाएं करेंगे। एक संयोग ये भी है कि आज से करीब 38 साल पहले राहुल के पिता राजीव गांधी ने भी आदिवासी क्षेत्रों का दौरा किया था। तब उन्होंने एक आदिवासी महिला के हाल देखकर देशभर में गेहूं सस्ता कर दिया था। उनके दौरे के बाद कांग्रेस को राजस्थान में भारी बहुमत मिला था।

38 साल पहले आए थे राजीव गांधी

कांग्रेस ने इस सभा के लिए भी खास दिन चुना। अब से ठीक 38 साल पहले पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी भी राजस्थान आए थे। राजीव गांधी का वो दौरा इसलिए खास था क्योंकि इसी दौरे के बाद देशभर में आदिवासियों को सस्ता गेहूं देने की शुरुआत हुई थी। साथ ही कई महत्वपूर्ण योजनाओं को राजीव गांधी ने राजस्थान के उसी दौरे की मदद से धरातल पर उतारा था। 8 अगस्त 1985 को राजीव गांधी उदयपुर के खेरवाड़ा इलाके के दौरे पर आए थे। तब राजीव गांधी ने 2 किलोमीटर पैदल यात्रा कर राजस्थान के आदिवासी इलाकों के हालात को जाना था। यहां राजीव गांधी को आदिवासी इलाकों की वास्तविक चुनौतियों का अंदाजा लगा था। चुनावी लिहाज से राजस्थान में राहुल गांधी का दौरा कहां रखा जाए, इसे लेकर पिछली सीडब्ल्यूसी बैठक में राजस्थान की वर्किंग कमेटी के मेंबर रघुवीर मीणा ने चर्चा की थी। ऐसे में आदिवासी दिवस के मौके पर वह ट्राइबल इलाके में आए।

टेलीग्राम भेजकर आदिवासियों के हाल जानने को कहा था

राजीव गांधी के दौरे को लेकर सीडब्ल्यूसी सदस्य रघुवीर मीणा और उस इलाके को करीब से समझने वाले पूर्व उप-जिला प्रमुख लक्ष्मीनारायण पंड्या बताते हैं कि 8 अगस्त 1985 को जब अकाल पड़ा हुआ था, तब राजीव गांधी ट्राइबल एरिया में विजिट करना चाह रहे थे। उनका खेरवाड़ा-डूंगरपुर का दौरा रखा गया।

इससे पहले आदिवासी बेल्ट के ही एक व्यक्ति ने राजीव गांधी को टेलीग्राम भेज दिया था। टेलीग्राम में लिखा गया था कि अगर आपको वास्तव में आदिवासी इलाकों के हाल देखने हैं तो खेरवाड़ा के धनोल गांव में आकर देखें। वो टेलीग्राम राजीव गांधी ने अपने पास रख लिया था।

पंड्या आगे बताते हैं कि जब राजीव गांधी खेरवाड़ा आए तो उन्होंने अपने तत्कालीन मुख्यमंत्री हरिदेव जोशी से कहा कि उन्हें धनोल गांव में जाना है। उस दौरान सोनिया गांधी भी उनके साथ थी। गांव पहाड़ियों से होकर कच्चे रास्ते पर काफी अंदर पड़ता था। बरसात के मौसम में कीचड़ भी भरा हुआ था। गाड़ियां भी वहां नहीं जा सकती थी। ऐसे में राजीव गांधी अपने लवाजमे के साथ लगभग 2 किमी पैदल चलकर वहां तक पहुंचे।