कोटा ब्यूरो रिपोर्ट।
बारां के अटरू थाना क्षेत्र में कांग्रेस नेता दिनेश मीणा हत्याकांड मामले में धाकड़ समाज के लोगों ने बुधवार को आईजी को ज्ञापन देकर मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की। साथ में आई महिलाओं ने सुरक्षा की मांग की। आरोप है कि हत्याकांड में समाज के दूसरे लोगों को भी फंसाने की कोशिश की जा रही है। ऐसे में दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो। जो मामले में लिप्त नहीं हैं उन पर जबरन कोई कार्रवाई न की जाए। इस संबंध में ज्ञापन दिया गया। युवा धाकड़ समाज जिला अध्यक्ष राम अवतार नागर ने बताया कि हत्याकांड के विरोध में अटरू के कई इलाकों में 17 अगस्त को बस जलाने तथा राहगीरों के साथ मारपीट करने जैसे घटनाक्रम हुए। ऐसी घटनाओं की धाकड़ समाज घोर निन्दा करता है तथा अपेक्षा करता है कि इस मामले में दोषियों को सजा मिले। लेकिन धाकड़ समाज के निर्दोष लोगों को आरोपी बनाने के लिए प्रशासन पर धरना, प्रदर्शन, बवाल कर दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है।
समाज को टारगेट किया जा रहा है, जो गलत है। नागर ने आरोप लगाया कि कुछ स्थानीय नेता, समाज की आड़ में षड्यंत्र कर रहे हैं। उनकी कोशिश है कि धाकड़ समाज के निर्दोष लोगों को भी केस में फंसा दिया जाए। ऐसे में आईजी को ज्ञापन देकर मांग की गई है कि वारदात से जुडे किसी भी आरोपी को नहीं बख्शा जाए लेकिन जिनका इस केस से कोई लेना देना नहीं है उन्हें जबरन दबाव में आकर न फंसाया जाए। साथ ही उपद्रव फैलाने वाले लोगों पर भी कानूनी कार्रवाई की जाए। वहीं ज्ञापन देने साथ आई महिलाओं ने बताया कि इलाके में पुलिस तैनात है लेकिन इसके बाद भी कुछ असामाजिक तत्व आकर गाली गलौज कर जाते हैं। महिलाएं घर में अकेली होती हैं, धमकियां देकर चले जाते हैं। ज्ञापन देने जब समाज के लोग पहुंचे तो बाहर डीएसपी ने उनसे जानकारी ली, इस दौरान महिलाओं ने अपनी बात कहते हुए कहा कि या तो हमें गांव से हटा दो या हमारी सुरक्षा करो, कभी भी कोई घटना हो सकती है। यह कहते हुए महिलाएं रुआंसी हो गईं।
आईजी ने उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया है। दरअसल, 4 जुलाई की शाम झारखंड गांव निवासी कांग्रेस नेता दिनेश मीणा, उसका चाचा मोहनलाल मीणा, लखन मीणा, सुरेंद्र मीणा सहकारी चुनावों के लिए दो अलग-अलग बाइक से बमोरी गांव गए थे, वहां से लौटते समय दिनेश मीणा व लखन आटोन की ओर जा रहे थे तभी मोरी निवासी पंकज नागर के मकान के पास पहुंचे, तो वहां मौजूद पंकज नागर, ललित, द्वारकालाल, जगदीश व जगमोहन नागर व उनके 15-20 साथी खड़े थे उन्होंने दिनेश व लखन पर फावड़े से हमला किया। हमले में दिनेश मीणा गंभीर घायल हो गए दिनेश को कोटा और वहां से जयपुर रेफर कर दिया था जहां इलाज के दौरान दिनेश की मौत हो गई थी।
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