चित्तौड़गढ़ - गोपाल चतुर्वेदी 

चित्तौड़गढ़ जिले के बड़ी सादड़ी विधानसभा क्षेत्र के डूंगला में संचालित हो रहे कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय हॉस्टल में रह रही बालिकाए हॉस्टल प्रशासन की लापरवाही के चलते 3 दिनों के अंदर दूसरी बार फूड प्वाइजनिंग का शिकार हुई हैं। जिसमें इस बार पांच बालिकाओं को फूड पॉइजनिंग के चलते उपचार के लिए जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। इससे पहले विश्व आदिवासी दिवस के दिन भी 15 बालिकाओं को फूड पॉइजनिंग की शिकायत होने के बाद उपचार के लिए चित्तौड़गढ़ लाया गया था। 

जानकारी के अनुसार जिले के डूंगला क्षेत्र में संचालित हो रहे कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय हॉस्टल में बासी भोजन करने से हॉस्टल में रह रही पांच बालिकाए ज्योति मीना, आशा गुर्जर को मध्य रात्रि करीब 2:00 बजे पेट दर्द और उल्टियां की शिकायत होने के बाद जिला चिकित्सालय उपचार के लिए लाया गया।  शनिवार दोपहर को रेखा मेघवाल, मीना मीणा और उमा भारती को भी फूड प्वाइजनिंग के चलते डूंगला चिकित्सालय मे उपचार रत बालिकाओं को चित्तौड़गढ़ रेफर किया गया। 

हॉस्टल वार्डन लक्ष्मी रावत की ओर से लापरवाही करने के बाद भी लगातार मामले को दबाया जा रहा है।  3 दिन पहले विश्व आदिवासी दिवस के दिन भी हॉस्टल में बासी भोजन खाने से 15 बालिकाओं को फूड प्वाइजनिंग की शिकायत होने के बाद जिला राजकीय चिकित्सालय लाया गया था। दो दिन उपचार के बाद उन्हें छुट्टी दी गई थी। शुक्रवार रात को एक बार फिर से इसी हॉस्टल में हॉस्टल प्रशासन के लापरवाही सामने आई है। जिसमें बालिकाओं को बासी भोजन कराया गया इसके चलते इन बालिकाओं की तबीयत खराब हुई है।  संबंधित विभाग के अधिकारी भी मामले पर पर्दा डालने का प्रयास कर रहे हैं और निष्पक्ष जांच करवाने से डर रहे हैं।  3 दिन पहले भी विभाग के अधिकारी प्रमोद दशोरा जिला राजकीय चिकित्सालय में भर्ती बालिकाओं की कुशलक्षेम पूछने के लिए चिकित्सालय पहुंचे थे।  उस समय भी अधिकारी की ओर से मामले को दबाने का प्रयास किया गया और सत्यता को छुपाया गया /जिसका परिणाम यह हुआ कि तीन दिन के भीतर ही दूसरी बार बासी भोजन खाने से 5 बालिकाओं की तबीयत खराब हुई है। अगर समय पर हॉस्टल वार्डन और अन्य कर्मचारियों पर कार्यवाही की जाती तो शायद इस घटना की पुनरावृति नहीं होती। अब देखना यह है कि विभाग के उच्च अधिकारी 20 बालिकाओं को हुई फूड प्वाइजनिंग के बारे में किस तरह की कार्यवाही अमल में लाते हैं और किस तरह का संज्ञान लेते हैं।