उदयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
आदिवासी जनाधिकार एका मंच व आदिवासी अधिकार राष्ट्रीय मंच की अगुवाई में राजस्थान का तीसरा राज्य सम्मेलन सुभाष मुंडा नगर, गुजराती भवन में हुआ। सम्मेलन का उद्घाटन आदिवासी अधिकार राष्ट्रीय मंच की उपाध्यक्ष व पूर्व सांसद वृंदा करात ने किया। करात ने मोदी पर सरकार आरोप लगाया कि आदिवासियों के विचारों और नीतियों को लेकर अघोषित युद्ध छेड़ दिया है। आरक्षण, भाषा, संस्कृति, जंगल के अधिकारों पर सरकार हमला कर रही है। सम्मेलन का झंडारोहण राज्य अध्यक्ष दुलीचंद बोरदा ने किया।
शोक प्रस्ताव में कोरोना, किसान आंदोलन सहित अन्य घटनाक्रम में शहीद हुए आदिवासियों को श्रद्धांजलि दी गई। इस सम्मेलन में उदयपुर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़, कोटा, चित्तौड़ सहित 10 जिलों के 102 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। स्वागत समिति अध्यक्ष डॉ. कुसुम मेघवाल ने सभी का स्वागत किया। राज्य सचिव विमल भगोरा ने बताया कि दूसरे राज्य सम्मेलन के बाद देश और राज्य में व्यापक परिस्थितियां बदली हैं। शांतिलाल डोडा, प्रेम पारगी, विमल भगोरा, भूपेश कटारा, फाल्गुन भराड़ा, हेमंत खराड़ी, शंकरलाल पारगी, अनिल पणोर, जावेद खां, अमजद शेख, शोक प्रस्ताव कमेटी में दुलीचंद बोरदा चुने गए।
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