करौली ब्यूरो रिपोर्ट। 

करौली में रक्षाबंधन के अवसर पर सुबह से ही छतों पर ये काटा-वो मारा का शोर सुनाई देने लगा। युवा, बच्चे और जवान छतों पर चढ़कर पतंग उड़ाते नजर आए। भाई-बहनों के प्यार के प्रतीक रक्षाबंधन के अवसर पर जिले में पतंगबाजी की परंपरा है। इस अवसर पर बाजारों में पतंग की दुकान पर पतंगबाजों की अच्छी खासी भीड़ नजर आई।

रक्षाबंधन के दिन बुधवार को सुबह से लेकर देर शाम तक बच्चे, पुरुष व महिलाएं घरों की छतों पर जाकर दिनभर पतंग उड़ाते हैं, जिससे गलियों में ये काटा-वो मारा का शोर सुनाई देता है। जिला मुख्यालय सहित हिण्डौन, मासलपुर, मंडरायल, सपोटरा व ग्रामीण क्षेत्रों में रक्षाबंधन से एक दिन पूर्व पतंगबाजों ने पतंगों की दुकानों से पतंग और माझा-डोर खरीद कर रख लिए, ताकि रक्षाबंधन के दिन पतंगों की कमी नहीं आए। बड़ों के साथ बच्चों में भी पतंग उड़ाने का खासा जुनून दिखा। बच्चें तड़के सवेरे ही छतों पर चढ़ गए और पतंग उड़ाने लगे।

अधिकांश घरों की छतों पर पतंगबाजों ने अपनी-अपनी छतों पर बारिश और धूप से बचने के लिए त्रिपाल, चद्दर, छतरी व मनोरंजन के लिए लाउड स्पीकर और म्यूजिक सिस्टम लगा लिए तथा संगीत की धुन पर पतंगबाजी का आनंद उठाते व नाचते नजर आए।

पतंगबाजी का मैच
इस दौरान कई पतंगबाजों में पतंबाजी के मैच हुए। मैच में एक पार्टी की पतंग दूसरी पार्टी द्वारा काटने पर दूसरी पार्टी के लोग लाउड स्पीकरों से 'वो काटा-वो मारा का शोर करते और जश्न मनाते दिखे। तड़के सवेरे शुरू हुआ पतंगबाजी का यह दौर शाम तक चलेगा। पतंग उड़ाने वालों के साथ पतंग लूटने वालों का भी अलग अंदाज नजर आया। जब किसी पतंगबाज की पतंग कटती है तो गली व छतों पर बड़े व बच्चे उसे लूटने के लिए दौड़ पड़ते है।

महिलाएं भी नहीं पीछे
पतंग बाजों के साथ-साथ उनके परिवार की महिलाओं ने बच्चों के साथ छतों पर चढ़कर पतंगबाजी का भरपूर आनंद लिया। पतंग विक्रेता पप्पू ने बताया कि इस बार पतंग व डोर की खूब बिक्री हो रही है। बच्चों के परिजन भी उनके साथ पतंगे उड़ाते हुए नजर आ रहे हैं। पतंगबाजी का दौर रक्षाबंधन से करीब एक माह पूर्व शुरू हो जाता है। विक्रेताओं ने बताया कि सरकारी सख्ती के कारण इस बार चीन निर्मित मांझे की मांग नहीं होने के कारण बाजार में बिक्री नहीं हो रही है।

नेताओं से लेकर कलाकारों के आकार, वाली पतंग
बाजार में कई प्रकार की पतंगें मिल रही हैं, जिनमें राज नेता, फिल्मी कलाकार, जानवरों की आकार, ताश के पत्ते, राक्षस के आकार प्रकार वाली पतंगे बाजार में उपलब्ध हैं। वहीं, कार्टून पात्रों के चेहरों की भी पतंगे खूब बिक रही हैं।

2 से लेकर 100, 200 रुपये तक की पतंग
पतंगों की कीमत बात करें तो देसी पतंग की क्षेत्र में अधिक मांग है, जिसकी कीमत 10 रुपए है। साथ ही बरेली मुण्डा, अनिश पतंग, शाहरुख, आमिर, सचिन तेंदुलकर, सलमान खान आदि की पतंग 5-5 रुपए में उपलब्ध है। इनके अलावा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वाली पतंगों की बाजार में अधिक मांग होने के कारण वह 20 रुपए में मिल रही है। पतंग 2 से लेकर 4, 5, 8,10, 50 और 100 रुपए तक में उपलब्ध है।