केंद्र व राज्य सरकारे आमजन को समय पर विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत गेहूं और अन्नपूर्णा किट सहित अन्य सामग्री उपलब्ध करवाने के लिए रसद विभाग के माध्यम से राशन की दुकानों का संचालन किया जा रहा है जिससे कि आमजन को सरकार की योजनाओं का लाभ मिल सके। लेकिन चित्तौड़गढ़ मुख्यालय पर संचालित हो रही राशन की दुकान संचालक रसद विभाग के अधिकारियों की मेहरबानी से अपने मर्जी के मालिक बने हैं और सरकार की ओर से दी जा रही सामग्री को आमजन तक पहुंचाने से परहेज कर रहे हैं और समय समाप्ति के बाद शेष राशन सामग्री को ऊंचे दामों पर बाजारों में बेच रहे हैं।
जानकारी के अनुसार केंद्र और राज्य सरकार की ओर से विभिन्न केटेगरी के लाभार्थियों को राशन कार्ड के माध्यम से राशन की दुकानों पर गेहूं के साथ हाल ही में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से चलाई गई अन्नपूर्णा किट योजना का लाभ दिया जा रहा है जिसका मुख्य उद्देश्य 'कोई भी व्यक्ति भूखा ना सोए' है। दूसरी और चित्तौड़गढ़ जिला मुख्यालय पर रसद विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार किसी से छुपा हुआ नही है। इसीके चलते विभाग के कुछ अधिकारियों ने अपने चेहतों को नियमों में ताक में रखकर राशन की दुकानों का आवंटन किया हुआ है। राशन डीलर अपनी दुकानों पर ताला लगाकर सरकार की योजनाओं का लाभ आम जन को नहीं दे रहे हैं जिसमें प्रमुख रूप से वार्ड संख्या 13 तेजाजी चौक प्रताप नगर के साथ अन्य वार्डों में संचालित हो रही राशन की दुकान पर पिछले दो दिनों से ताला लटका हुआ है। जिसके कारण सरकार की ओर से दी जा रही खाद्य सामग्री आम जन और उसके लाभार्थियों को उपलब्ध नहीं हो पा रही है और सरकार की योजनाओं का लाभ उठाने से राशन डीलरों द्वारा वंचित किया जा रहा है। जिसके बारे में कई बार लाभार्थियों और वार्ड वासियों की ओर से रसद विभाग के उच्च अधिकारियों को इसकी सूचना भी दी गई लेकिन विभाग के अधिकारियों कि राशन डीलरों से मिलीभगत के चलते इन राशन डीलरों पर उनकी ओर से कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है जिसके कारण नुकसान आम जनता को उठाना पड़ रहा है।
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