जयपुर नगर निगम हेरिटेज में विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। मेयर मुनेश गुर्जर के बाद अब डिप्टी मेयर असलम फारूकी ने अधिकारियों की कार्य शैली पर सवाल खड़े करते हुए कांग्रेसी नेताओं पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा- हमारी पार्टी के कुछ लोग हैं, जो नहीं चाहते कांग्रेस पार्टी की सरकार फिर से बने, इसलिए बीजेपी के साथ मिलकर साजिश रच रहे हैं।
उन्होंने कहा- आज स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भी निगम कमिश्नर राजेंद्र सिंह ने ध्वजारोहण कर जनप्रतिनिधियों का अपमान किया है। जिस मामले की जांच अब तक पूरी नहीं हुई, उसमें हमें दोषी साबित कर 3 नोटिस जारी कर डराने की कोशिश की जा रही है। हम डरने वाले नहीं हैं। इस तानाशाही का हम इसका पुरजोर विरोध करेंगे।
नियमों के खिलाफ हुआ ध्वजारोहण
डिप्टी मेयर असलम फारूकी ने कहा- आज स्वतंत्रता दिवस के मौके पर नगर निगम प्रांगण में ध्वजारोहण का कार्यक्रम था। निलंबन की वजह से मुनेश गुर्जर मौके पर नहीं थीं। ऐसे में नगर निगम की धारा 48 (खंड क में) के तहत डिप्टी मेयर द्वारा ध्वजारोहण करवाया जाना चाहिए था, लेकिन नगर निगम में कमिश्नर राजेंद्र सिंह ने बिना मुझसे पूछे ध्वजारोहण कर दिया, जबकि मैं मौके पर मौजूद था। जो पूरी तरह से गलत है। यह न सिर्फ मेरा बल्कि नगर निगम के प्रत्येक पार्षद और जिस जनता ने उन्हें चुनकर यहां तक भेजा है। उन सबका अपमान है।
उन्होंने कहा- क्योंकि हमारे देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत पब्लिक द्वारा चुना गया जनप्रतिनिधि सबसे बड़ा होता है। आज सरकारी कार्यक्रम में जब जनप्रतिनिधि मौजूद थे। फिर कमिश्नर ने आखिर कैसे ध्वजारोहण कर दिया। अगर मैं मौके पर नहीं भी होता। वहां मौजूद कोई और पार्षद या जनप्रतिनिधि ध्वजारोहण कर सकता था, लेकिन कमिश्नर द्वारा किया गया ध्वजारोहण नियमों में भी नहीं है।
निगम में आज सिर्फ मेरा नहीं बल्कि, एक आम जनप्रतिनिधि का अपमान किया है, जिसे हम बर्दाश्त नहीं करेंगे। इसकी शिकायत हमारे आला नेताओं तक पहुंचाएंगे, ताकि जनप्रतिनिधियों का अपमान करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई हो सके। वहीं, जब इस पूरे विवाद पर हमने कमिश्नर राजेंद्र सिंह से उनका पक्ष जानने के लिए फोन किया। उन्होंने हमारा फोन नहीं उठाया।
मुझे अब तक 3 नोटिस मिले
नगर निगम हेरिटेज के डिप्टी मेयर असलम फारूकी ने कहा- स्वायत्त शासन विभाग द्वारा अब तक मुझे तीन नोटिस जारी किए जा चुके हैं। इससे पहले मुझे दो नोटिस आए थे। वह धारा 39 के तहत नहीं थे। इसमें तत्कालीन मेयर और अतिरिक्त आयुक्त के बीच जो विवाद हुआ था। उसमें हमसे स्पष्टीकरण मांगा गया था। इस पर हमने जवाब दिया था कि कोई विवाद नहीं है, यह ऑफिशियल मामला है।
पुलिस ने जांच पूरी नहीं की, फिर भी DLB ने दिया नोटिस
13 तारीख की रात को हमें 11 तारीख को जारी हुआ नोटिस दिया गया, जो धारा 39 के तहत दिया गया है। इसमें स्वायत्त शासन विभाग (DLB) ने हमसे कहा- हमने जांच पूरी कर ली है, जबकि इस पूरे मामले की छानबीन तो राजस्थान पुलिस कर रही है। वहां से हमें कोई नोटिस जारी नहीं हुआ। पुलिस की जांच तो फिलहाल जारी है। बावजूद इसके स्वायत्त शासन विभाग ने जांच पूरी कर हमें नोटिस जारी किए। जिससे जाहिर होता है कि किसी के दबाव में यह पूरी कार्रवाई की जा रही है।
CM से करूंगा शिकायत
बीजेपी के लोग हमारे कुछ नेताओं के साथ में मिलकर कांग्रेस को कमजोर करने की साजिश रच रहे हैं। जो नहीं चाहते गहलोत साहब फिर से CM बने। हम उनसे डरने वाले नहीं है। वह लोग किसी भी सूरत में कामयाब नहीं होगी। हमें नोटिस दिलवाकर कुछ लोग हमें डराना और दबाना चाहते हैं। हम डरने और दबने वाले नहीं हैं। मैं इस पूरे मामले की शिकायत मुख्यमंत्री महोदय तक करूंगा।
इन पार्षदों को जारी हुए नोटिस
राजेंद्र वर्मा की शिकायत के आधार पर निलंबित मेयर हेरिटेज मुनेश गुर्जर, उप महापौर असलम फारूकी, पार्षद उमर दराज, नीरज अग्रवाल, श. कुरैशी, सुनिता मावर, राविया, अंजलि, आयशा सिद्दीकी, फरीद कुरैशी को नोटिस जारी हुए है।
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