जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

फागी उपखंड क्षेत्र के किसान लंबे समय से फसल खराबे का मुआवजा नहीं मिलने की वजह से आक्रोशित और परेशान है। हालांकि किसानों को मुआवजा नहीं मिलने और विसंगतियों को विधायक बाबूलाल नागर ने भी विधानसभा में मुद्दा उठा चुके। रविवार को फागी प्रधान प्रेम देवी चौधरी और अन्य भाजपाइयों ने सोमवार को किसान महा संग्राम के लिए किसानों को एकजुट करने और एसडीएम कार्यालय में एकत्रित करने के लिए गांव गांव जाकर किसानों से रूबरू हुए, लेकिन किसान महा संग्राम होने पहले ही सियासी संग्राम शुरू हो गया व विधायक बाबूलाल नागर ने आरोप लगाते हुए कहा कि किसानों की फसल खराबे को लेकर केंद्र और राज्य सरकार का बराबर अनुदान होता है, लेकिन केंद्र सरकार के हाथों में पूरी मॉनिटरिंग होती है।

केंद्र सरकार ने फसल बीमा के लिए चहेते कंपनियों को ठेका दिया हुआ है जो किसानों के साथ कुठाराघात कर रहे हैं। भाजपाइयों को केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ आंदोलन करना चाहिए ताकि किसानों के साथ अन्याय नहीं हो। सोमवार को किसान अपनी मांगों को लेकर उपखंड मुख्यालय पर पहुंचकर महा संग्राम करने की तैयारी कर रहे हैं।

फागी प्रधान प्रेम देवी चौधरी व चकवाड़ा पंचायत समिति सदस्य शिवराज चौधरी ने बताया कि सात अगस्त को फागी उपखंड कार्यालय पहुंचकर विरोध जताएंगे। इसे लेकर किसान संगठन से जुड़े लोग रविवार को फागी क्षेत्र के गांव गांव पहुंचकर किसानों से ज्यादा से ज्यादा आने की अपील कर किसानों के हक के लिए आवाज उठाने के लिए प्रेरित किया है। मैंद वास सरपंच हरबख्श चौधरी ने बताया कि सोमवार को सुबह 10 बजे फागी उपखंड कार्यालय के बाहर पहुंचने का आह्वान किया गया है।‌ जहां मुआवजे की मांगों लेकर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपा जाएगा।

चकवाड़ा पंचायत समिति सदस्य शिवराज चौधरी ने कहा कि बीमा कंपनी के प्रतिनिधि किसानों के साथ छलावा कर रहे हैं। रबी की फसल सरसों, चना, शेष मुआवजा राशि अभी तक नहीं मिल पाई है। किसानों ने मुआवजा राशि वितरण किए जाने की मांग उठाई जाएगी। किसान दस्तावेज कराने से वंचित रह गए। उन किसानों को दस्तावेज जमा किया जाना चाहिए। रविवार को प्रधान प्रेम देवी, मैंद वास सरपंच हरबख्श चौधरी, हरिराम मांदी, दिलीप सिंह पचाला, देवेन्द्र सिंह मंडावरी, गिर्राज चौधरी केरिया, मुकेश शर्मा नारेड़ा, हरसहाय देवंदा, बृजमोहन शर्मा, गोविंद शर्मा, कालू बियाड़ सहित कई जनप्रतिनिधियों ने गांवों में जाकर किसानों को जागरूक किया।