जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

भारत सेवा संस्थान और महात्मा गांधी इंस्टिट्यूट ऑफ गवर्नेंस एंड सोशल साइंसेज की ओर से आयोजित व्याख्यानमाला में लेखक और इतिहासकार अशोक कुमार पांडे रूबरू हुए। सेंट्रल पार्क स्थित कैम्पस में अगस्त क्रांति के प्रमुख नायक विषय पर पांडे ने विचार रखे। उन्होंने गांधी, आजादी के नायकों, संविधान और वर्तमान राजनीतिक परिवेश के संदर्भ में अपनी बातें कहीं। उन्होंने कहा कि आज गांधी जी के विचारों को अपनाने की बहुत जरूरत है। आजादी की लड़ाई सांप्रदायिकता के विरोध और जातिवाद के खिलाफ जैसे मूल्यों पर टिकी हुई थी, इन विषयों पर ही लोकतंत्र की स्थापना हुई, उन मूल्यों पर आज लगातार हमले हो रहे हैं। इस पूरे आंदोलन में सिर्फ नायक ही नहीं बल्कि जनता की जो भागीदारी थी, उसे भी जेहन में याद रखे जाने की जरूरत है।

मुझे लगता है कि सिर्फ युवाओं को नहीं, बल्कि समाज के हर हिस्से को गांधी के विचारों को आत्मसात करना चाहिए। सिर्फ गांधी को नहीं, बल्कि अम्बेडकर, पटेल और नेहरू को भी पढ़ना चाहिए। ऐसा नहीं हो सकता कि आप गांधी को पढ़ें, लेकिन पटेल को या अम्बेडकर को छोड़ दें। क्योंकि इन लोगों ने अपने से पहले जो कुछ भी बेहतरीन साहित्य और इतिहास लिखा गया था, उसे गहराई से पढ़ा था। युवा अपने दिमाग की खिड़कियां खुली रखें और हर तरफ के विचारों को ग्रहण करें और एक न्यायसंगत समाज बनाने के लिए कार्य करें।

कार्यक्रम में भारत सेवा संस्थान और महात्मा गांधी इन्स्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड सोशल साइंसेज के सचिव गिरधारी सिंह बापना मौजूद रहे। उन्होंन अतिथियों का स्वागत किया और परिचय दिया।