चित्तौड़गढ़ - गोपाल चतुर्वेदी
चित्तौडग़ढ़ जिले के डूंगला क्षेत्र में संचालित हो रहे कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय हॉस्टल में बीती रात हॉस्टल प्रशासन की लापरवाही के चलते 15 बालिकाओ को बासी खाना खाने से फूड प्वाइजनिंग कि शिकायत होने के बाद उन्हें मध्य रात्रि उपचार के लिए जिला चिकित्सालय लाया गया। इसकी सूचना मिलने पर विभाग के उच्च अधिकारी जिला चिकित्सालय पहुंचे और भर्ती बालिकाओं की कुशलक्षेम पूछी।
जानकारी के अनुसार चित्तौड़गढ़ जिले के बड़ी सादड़ी विधानसभा क्षेत्र के डूंगला में संचालित हो रहे कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय हॉस्टल में बुधवार शाम हॉस्टल प्रशासन की लापरवाही के चलते दोपहर का बासी भोजन खाने से 15 बालिकाएं अंगूरी, नीलू, लीला, किरण, कृष्णा, सुमित्रा मीणा, सावित्री, दीपिका मीणा , सीता मीणा, पायल मीणा, तारा मीणा, लक्ष्मी मीणा, सोनू मीणा और तारा मीणा फूड प्वाइजनिंग का शिकार हो गई। जिन्हें मध्य रात्रि करीब 12:45 पर उपचार के लिए जिला राजकीय चिकित्सालय लाया गया। इसकी सूचना मिलने पर शिक्षा विभाग के अधिकारी प्रमोद दशोरा जिला चिकित्सालय पहुंचे बालिकाओं की कुशलक्षेम पूछी।
इसके बारे में जानकारी देते हुए शिक्षा विभाग के अधिकारी प्रमोद दशोरा ने बताया कि डूंगला के कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय हॉस्टल में कुल 105 बालिकाओ के एडमिशन हैं। जिनमे से 80 बालिकाओ को हॉस्टल में मौजूद थी। उनके लिए बुधवार को अवकाश होने के कारण दोपहर में कढ़ी, चावल, पूड़ी और लापसी बनाई गई। दोपहर के भोजन के बाद शाम को भी बालिकाओं ने यही भोजन किया था। इसी के कारण इन बालिकाओं को फूड प्वाइजनिंग की समस्या हुई। इनमें से कुछ बालिकाओं को उल्टी होने की शिकायत भी हुई थी। उनमें से 15 बालिकाओं को उपचार के लिए जिला राजकीय चिकित्सालय लाया गया जहां पर उनका उपचार जारी है। बच्चियां खतरे से बाहर है। उन्होंने बताया कि बालिकाओं को फूड प्वाइजनिंग होने के क्या कारण रहे इसके बारे में एक कमेटी का गठन किया गया है जो जांच करवा कर रिपोर्ट देगी।
इसके के बारे में जानकारी देते हुए हॉस्टल वार्डन लक्ष्मी रावत ने बताया कि डूंगला आवासीय हॉस्टल में बुधवार को विश्व आदिवासी दिवस का अवकाश होने के कारण लापसी - पूडी, कढी बनाई गई। कुछ बच्चियों की तबीयत खराब होने के बाद भी शाम को भी उन्होंने इस भोजन का सेवन किया और देर शाम उनकी तबीयत बिगड़ गई। उल्टियां होने की शिकायत होने के बाद 15 बालिकाओं को मध्य रात्रि उपचार के लिए जिला चिकित्सालय लाया गया जहां पर उनकी तबीयत में सुधार होने के बाद चिकित्सालय से छुट्टी दी जाएगी।
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