जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
इस बार रक्षाबंधन का त्योहार बुधवार, 30 अगस्त को मनाया जाएगा। रक्षाबंधन से पहले बाजारों में राखियों की भरमार है। खासकर पिछले तीन-चार साल से श्रीपिंजरापोल गोशाला के सनराइज ऑर्गेनिक पार्क में बन रही गाय के गोबर से बनी स्पेशल राखियां तो पूरे देश-विदेश में फेमस हैं। अभी बाजारों में गाय के गोबर से बनी राखियों की भी खूब डिमांड है। जयपुर की सबसे बड़ी गौशाला पिंजरापोल गौशाला में सनराइज ऑर्गेनिक पार्क स्थित अंतर्राष्ट्रीय उन्नत कृषि कौशल विकास संस्थान ने विशेषकर रक्षाबंधन के त्यौहार के लिए गाय के गोबर से लोगों के लिए राखियां तैयार की हैं। माना जा रहा है कि भाई बहन के इस पवित्र रिश्ते के त्यौहार को लोग गाय के पवित्र गोबर से बनी राखियों के साथ मनाना पंसद करेंगे। गाय की गोबर की राखियां दिखने में भी सुंदर है और इनकी कीमत भी बाजार की राखियों से कम है। यह राखियां दुकानदार गोशाला से ही खरीदकर ले जा रहे हैं। ऑर्गेनिक पार्क में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने देसी नस्ल की गाय के गोबर से राखियां तैयार की हैं।
इस कार्य में हैनिमैन चैरिटेबल मिशन सोसाइटी महिलाओं को आर्थिक संबंल प्रदान कर रही हैं। सोसाइटी की सचिव मोनिका गुप्ता का कहना है कि लोगों में गायों के प्रति श्रद्धा भाव प्रबल हो, इसलिए गोबर और बीज से राखियां बनाई गई हैं। देखने में आता है कि रक्षाबंधन के कुछ देर बाद लोग राखियां उतार कर इधर-उधर फेंक देते हैं। राखी भाई बहन प्यार का प्रतीक होती है, जो कुछ दिन बाद कचरे में पहुंच जाती है। इसीलिए गाय के गोबर में बीज मिलाकर बनाई गई है, ताकि त्यौहार के बाद राखी को अपने घर में रखे गमले में गाड़ दिया जाए, तो कुछ दिन बाद ही राखी में रखा बीज फुटकर पौधा बन जाएगा।
आईआईएएएसडी के डायरेक्टर डॉ. अतुल गुप्ता ने बताया कि राष्ट्रीय ग्रामीण व शहरी आजीविका मिशन के तहत हैनिमैन चैरिटेबल मिशन सोसाइटी के तत्वावधान में संचालित माता रानी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने गाय माता के गोबर से राखी बनाई है। ये अपने मुनाफे से घर परिवार को आर्थिक संबल प्रदान कर रही हैं। इनकी बनाई गई राखियां इस बार विदोशों में भी भेजी गई हैं।
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