जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
लाल डायरी को लेकर आज सदन में दिनभर हंगामा हुआ। लाल डायरी के मुद्दे पर सदन से निलंबित चल रहे बर्खास्त मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा को अब कांग्रेस से निकालने की तैयारी चल रही हैं। मंत्री शांति धारीवाल का कहना है कि गुढ़ा से किसी तरह की समझाइश व समझौता नहीं होगा।
धारीवाल ने कहा- गुढ़ा को पार्टी से निकालने की तैयारी चल रही हैं। कांग्रेस से किसी को भी निकालने का एक प्रोसीजर होता है। वो प्रोसेस चल रहा है। इसके बारे में पीसीसी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा से जानकारी ली जा सकती है।
धारीवाल ने कहा- कांग्रेस सरकार की नीतियों से जो जनता को राहत मिल रही है। उसका कोई जवाब भाजपा के पास नहीं था। ऐसे में भाजपा ने षड़यंत्र रचकर लाल डायरी का किस्सा बनाया। हमारे ही विद्रोही व्यक्ति से मिलीभगत करके सारा षड़यंत्र रचा। अब इस षड़यंत्र का पर्दाफाश हो चुका है।
वो व्यक्ति कभी कहता है कि मैने लाल डायरी चुराई। कभी कहता है कि सीएम के कहने पर लाल डायरी जला दी। कभी कहता है कि डायरी के पन्ने जला दिए। उसके विरोधाभाषी बयानों से ही लगता है कि लाल डायरी का पूरा षड़यंत्र रचा गया था।
गुढ़ा को लाल डायरी ईडी को सौंपनी चाहिए
नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि राजेन्द्र गुढ़ा ने आज लाल डायरी की पहली किस्त जारी की है। इसमें सीएम अशोक गहलोत, उनके बेटे वैभव गहलोत, सीएम के ओएसडी के नाम हैं। डायरी में आरसीए के चुनावों में पैसों के लेन-देन का भी जिक्र हैं। ऐसे में अगर इन पन्नों में लगाए गए आरोप गलत हैं तो आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेन्द्र राठौड़ को सामने आकर गुढ़ा पर मुकदमा करना चाहिए।
वहीं, इन पन्नों की एफएसएल जांच की मांग उठानी चाहिए। वहीं, अगर पन्नों में दर्ज बातें सच है तो फिर यह साबित हो गया है कि इस सरकार में बिना लेन देन के कोई काम नहीं होता है। राठौड़ ने कहा- मैं गुढ़ा से अपील करना चाहूंगा कि जिस ईडी से वो डायरी चुराकर लाए। उसी ईडी को फिर से डायरी सौंप दे। इससे भ्रष्ट लोगों के खिलाफ कार्रवाई हो सके।
विपक्ष ने सदन में कुत्ते-बिल्ली की आवाज़ें निकाली, पूनिया बोले-धारीवाल ऊंचा सुनते है
वहीं, आज सदन में हुए हंगामे को लेकर धारीवाल ने कहा- सदन का आखिरी दिन होने के बावजूद विपक्ष ने तरह-तरह के तमाशे किए। उन्होंने सदन में कुत्ते-बिल्ली की आवाजे भी निकाली। उनके पास आज के बिलों को लेकर बोलने के लिए कुछ नहीं था। ऐसे में उन्होंने स्ट्रेटज़ी बनाई कि हल्ला करो। इससे पीछा छूट जाए। उन्हें इन बिलों से जनता को मिलने वाला फायदा पच नहीं रहा था।
धारीवाल के आरोपों को लेकर उप नेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया ने कहा- आज सदन का आखिरी दिन था। हम चाहते थे कि आज सदन का विसर्जन सद्भावपूर्वक हो। विपक्ष ने गतिरोध खत्म होने नहीं दिया। सत्ता पक्ष के कारण ऐसा नहीं हो सका। उन्होंने धारीवाल के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि धारीवाल तो मर्दो का प्रदेश करने वाले नेता हैं। उनकी बात छोड़ों। हमने तो किसी तरह की आवाज़ नहीं निकाली। लेकिन धारीवाल की श्रवण शक्ति कमजोर है। ऐसे में उन्हें ऐसी आवाजें लगी होगी।
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