जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
विभिन्न मांगों को लेकर विरोध कर रहे नर्सिंगकर्मियों में अब दो धड़े हो गए हैं। एक गुट शुक्रवार को रामलीला मैदान में सभा करेगा। वहीं, दूसरे धड़े ने काम पर रहने का निर्णय किया है।
उधर, मरीजों को परेशानी न हो, इसे देखते हुए सरकार ने भी कड़ा रुख अपनाते हुए एसएमएस मेडिकल कॉलेज को निर्देश दिए हैं कि विभागों में नहीं आने वाले नर्सिंगकर्मियों की सूची दें। ऐसे में अब यह देखना होगा कि शुक्रवार को होने वाले विरोध, रैली और सभा किस हद तक सफल होती है।
मामले के अनुसार नर्सिंगकर्मी मांगों को लेकर पिछले कई दिनों से धरना-प्रदर्शन और सुबह दो घंटे का कार्य बहिष्कार कर रहे हैं। लेकिन दूसरे धड़े ने शुक्रवार को होने वाली रैली में भाग लेने से इनकार कर दिया। राजस्थान नर्सेज संयुक्त संघर्ष समिति के अनेश सैनी ने बताया कि कांग्रेस पार्टी ने अपने पिछले चुनावी घोषणा पत्र के बिंदु संख्या 25 में राज्य कर्मचारियों से चार वादे किए थे।
इनमें कर्मचारियों की वेतन विसंगति दूर करना, टाइम स्केल पदोन्नति देना, संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों को नियमित करना तथा राज्य कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान हेतु मंत्री मंडलीय उप समिति का गठन प्रमुख था।
ये चारों ही वादे पूरे नहीं किए गए और इसी वजह से कर्मचारियों में रोष है। नर्सिंगकर्मी पिछले साढ़े तीन महीने से आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन राज्य सरकार ने कोई निर्णय नहीं लिया। इसी के विरोध में रैली निकाली जाएगी। वहीं आरपीएससी से चयनित नर्सिंगकर्मी और राजस्थान नर्सेज संघर्ष समिति ने हड़ताल में शामिल होने से इनकार कर दिया है।
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