अलवर ब्यूरो रिपोर्ट। 

पूर्व सभापति बीना गुप्ता दूसरे दिन मंगलवार को भी नगर परिषद अलवर में पहुंची। वे सभापति के चैंबर के बाहर कुर्सी लगाकर बैठ गईं। लेकिन अंदर नहीं जा सकीं।

दूसरे दिन भी सभापति का चैंबर लॉक मिला। यह देख सभापति ने आरोप लगाया कि कमिश्रर उनकी सुन नहीं रहे हैं। जबकि जनता परेशान हैं। दो दिन से कमिश्नर भी ऑफिस नहीं आए।

दरअसल, बीना गुप्ता का कहना है कि जिन दो मामलों के कारण उन्हें पद से हटा दिया गया था, उन मामलों में कोर्ट के आदेश उनके पक्ष में आए हैं। इसलिए वे सभापति की कुर्सी की हकदार हैं।

ऐसे में अगर सभापति का चैंबर खुला मिलेगा तो वे सभापति कुर्सी पर जाकर बैठ जाएंगी। हालांकि अभी सरकार ने विभाग के जरिए कोई आदेश नहीं दिए। इस कारण आयुक्त भी इस झमेले में पड़ने से बच रहे हैं।

पूर्व सभापति की इस लड़ाई में अब कांग्रेस के नेता भी आने शुरू हो गए हैं।

कांग्रेसी पार्षद व नेता भी साथ

कांग्रेस के पार्षद व नेता पूर्व सभापति बीना गुप्ता के साथ हैं। यहां कांग्रेस का बोर्ड है। नवंबर 2022 में पूर्व सभापति बीना गुप्ता को एसीबी ने ट्रैप कर लिया था। इसके बाद उनको सस्पेंड कर दिया गया। इसके अलावा अप्रैल 2023 में कर्मचारी से मारपीट के मामले में पूर्व सभापति बीना गुप्ता को बर्खास्त कर दिया था।

अब पूर्व सभापति का दावा कोर्ट के आदेश पक्ष में

अब पूर्व सभापति बीना गुप्ता का दावा है कि कोर्ट के आदेश उनके पक्ष में हो गए हैं। पूर्व के दोनों मामलों को कोर्ट ने खारिज कर दिया है। इसलिए अब वे सभापति पद की हकदार हैं।

वैसे भी जनता से चुनकर वे कुर्सी पर पहुंची हैं। उन पर लगे आरोपों के खिलाफ सरकार ने जो एक्शन लिया उनको कोर्ट ने खारिज कर दिया है। जिसके आदेश उनके पास हैं। चाहें तो आयुक्त आदेश जांच कर लें।

कांग्रेस नेता दीनबंधु शर्मा ने कहा कि बीना गुप्ता के पक्ष में कोर्ट के आदेश हो गए तो उनको पद भी मिलना चाहिए। इसलिए वे उनके साथ यहां पहुंचे हैं।

पूर्व सभापति ने कहा- महिला की सुनवाई नहीं

पूर्व सभापति बीना गुप्ता ने कहा कि सोमवार को शाम 5 बजे तक यहां बैठी। अगले दिन मंगलवार को सुबह 10 बजे यहां आ गई थी। लेकिन कोई कर्मचारी उनके पास नहीं आया। न चैंबर का ताला खोला गया। न कमिश्नर खुद आए। जनता की नहीं सुनी जा रही है।

जनता धक्के खाने को मजबूर हैं। कलेक्टर को भी मामले से अवगत कराया जा चुका है। लेकिन अब तक उनकी सुध नहीं ली गई है। हम भी यहां आएंगे जब तक उनकी नहीं सुनी जाएगी।