जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

राजस्थान में कांग्रेस की फ्री बिजली, मोबाइल, सस्ता सिलेंडर योजनाओं के असर को कम करने के लिए भाजपा एक नया अभियान शुरू करने जा रही है। गांव-गांव में भाजपा के नेता जनता से पूछेंगे कि अगर चुनाव के बाद हमारी सरकार आती है, तो लोग सरकार से क्या चाहेंगे? ऐसी कौनसी योजनाएं हैं। जो लागू होनी थीं, लेकिन कांग्रेस सरकार उनको लागू नहीं कर पाई? जनता से मिलने वाले सुझावों के आधार पर भाजपा अपना चुनाव घोषणा-पत्र तैयार करेगी।

भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने राजस्थान सहित सभी 5 चुनावी राज्यों में पार्टी का चुनाव घोषणा-पत्र तैयार करने से पहले जनता की भागीदारी बढ़ाने का निर्णय किया है। प्रदेश इकाइयों को कहा गया है कि पार्टी का चुनाव घोषणा -पत्र बनाने से पहले जनता के बीच जाकर पूछा जाए कि अगर भाजपा की सरकार बनती है तो लोग सरकार से क्या चाहेंगे? छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में इस दिशा में काम शुरू हो गया है। अब राजस्थान में इसकी शुरुआत होगी।

परिवर्तन यात्राओं में झलक दिखेगी
भाजपा की ओर से सवाईमाधोपुर के त्रिनेत्र गणेशजी, हनुमानगढ़ के गोगामेड़ी और डूंगरपुर के बेणेश्वर धाम से निकाली जाने वाली परिवर्तन यात्राओं में इस अभियान की झलक दिखेगी। इन यात्राओं में जनता से सुझाव लेने के लिए 'आकांक्षी पेटियां' रखी जाएंगी।

आकांक्षी पेटियों में आम जनता से लिखित सुझाव डलवाए जाएंगे। यात्रा पूरी होने के बाद लोगों के सुझावों की छंटनी करके घोषणा-पत्र तैयार किया जाएगा। तीनों परिवर्तन यात्राओं का रूट इस तरह से होगा कि हर विधानसभा क्षेत्र को टच किया जाए। यात्राएं अलग-अलग दिन शुरू होंगी, लेकिन जयपुर पहुंचने का दिन एक ही रहेगा।

केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने बताया- हमारे घोषणा-पत्र में जनता की भागीदारी रहेगी। जनता की अपेक्षाओं के अनुरूप चुनाव घोषणा-पत्र बनाने के लिए पार्टी ने तय किया है कि लोगों से ही पूछा जाए कि उनको भाजपा की आने वाली सरकार से क्या चाहिए। ऐसा करने से हमारा घोषणा-पत्र जनता की आशाओं और अपेक्षाओं के करीब होगा। जिन क्षेत्रों से यात्रा नहीं गुजरेंगी, वहां के लोगों की घोषणा-पत्र में राय शामिल करने के लिए हम ऑनलाइन सुझाव लेने की व्यवस्था भी करेंगे।

हर जिले का अलग घोषणा-पत्र बनाने की तैयारी
हर जिले का अलग घोषणा-पत्र बनाने की भी भाजपा तैयारी कर रही है। पार्टी नेताओं का तर्क है कि भौगोलिक और सामाजिक दृष्टि से राजस्थान के हर जिले में अलग-अलग राजनीतिक समीकरण है।

हर क्षेत्र में इश्यू भी अलग-अलग है। एक घोषणा पत्र में सभी क्षेत्रों को साधना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में भाजपा की तैयारी है कि संपूर्ण राजस्थान को प्रभावित करने वाले मुद्दों का प्रदेश स्तरीय घोषणा पत्र बनाया जाए जबकि स्थानीय स्तर पर हर जिले का अलग घोषणा-पत्र बनाया जाए।