पाली के सुरायता गांव के भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी डॉ. प्रदीपसिंह राजपुरोहित को विदेश मंत्रालय ने वेस्टइंडीज (त्रिनिडाड व टोबेगो) का राजदूत नियुक्त किया है। डॉ. राजपुरोहित 2004 बैच के अधिकारी हैं। इससे पहले वे इराक में भारत के राजदूत रह चुके हैं।
बता दे कि डॉ राजपुरोहि ने ईरान के मोसुल शहर में मरे 39 भारतीयों के अवशेष भारत भिजवाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी। डॉ. राजपुरोहित जर्मनी, सउदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात तथा मिश्र में भी रह चुके हैं। वह वर्तमान में मध्य पूर्व व खाडी़ के 15 देशों के भारतीय मंत्रालय के प्रभाग में संयुक्त सचिव हैं। मिस्र के राष्ट्रपति की गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि के तौर पर यात्रा और प्रधानमंत्री मोदी की मिस्र यात्रा में मुख्य समन्वयक की भूमिका निभाई थी। सऊदी अरब रहते हुए 2 लाख से अधिक लोगों को कोरोना महामारी के बीच स्वदेश लौटाने में अग्रणी भूमिका निभाई थी।
बाड़मेर में दो साल स्वास्थ्य सेवा दे चुके डॉ. प्रदीप राजपुरोहित मूलत: जोधपुर के पीलवा गांव के हैं। उनका परिवार पाली के सुरायता गांव में पिछले काफी वर्षों से रह रहा है। पिता स्वरूपसिंह प्रधानाचार्य पद से सेवानिवृत हैं। माता गृहिणी हैं। पत्नी मंजू राजपुरोहित व बच्चे दिल्ली ही रहते हैं। डॉ. प्रदीप ने अपनी पढ़ाई सुरायता, धाकड़ी व सोजत सिटी की हिंदी मीडियम के सरकारी स्कूलों से की। पीएमटी परीक्षा में उच्च रैंक प्राप्त कर डॉ. संपूर्णानंद मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की डिग्री हासिल की। इसके साथ ही बाड़मेर के शिव सिणधरी में लगभग 2 साल तक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भी कार्य कर चुके हैं।
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