जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

नगर निगम हेरिटेज की निलंबित मेयर मुनेश गुर्जर ने सरकार के निलंबन आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी है। हाई कोर्ट में याचिका दायर करके मुनेश गुर्जर की ओर से कहा गया है कि सरकार ने उनके निलंबन से पूर्व कोई जांच नहीं की। गलत तथ्यों के आधार पर आनन-फानन में निलंबित किया गया है। जबकि एसीबी ने FIR में उन्हें आरोपी भी नहीं माना है।

दरअसल, मुनेश गुर्जर के पति और दो दलालों को एसीबी ने रिश्वत लेने के मामले में गिरफ्तार किया था। इसके बाद 5 अगस्त को मुनेश गुर्जर को निलंबित किया गया था।

विभाग ने प्रथमदृष्ट्या मानी थी मेयर की संलिप्त्ता
मुनेश गुर्जर को निलंबित करने वाले आदेश में स्वायत्त शासन विभाग ने प्रथमदृष्ट्या उनकी संलिप्तता मानी है। आदेश में विभाग ने लिखा था कि पट्टे बनाने की एवज में मेयर पति सुशील गुर्जर व अन्य दो दलालों को मेयर की उपस्थिति में उनके घर से एसीबी ने 2 लाख की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया।

वहीं, जिस आवेदन पर पट्टा बनाया जाना था। उसकी फाइल भी मेयर के घर पर ही थी। इसके साथ ही सर्च में मेयर के घर से 40 लाख रुपए नगद बरामद किए गए। ऐसे में पूरे प्रकरण में प्रथमदृष्ट्या उनकी संलिप्त्ता प्रतीत होती है।

राजस्थान सरकार द्वारा उक्त प्रकरण की जांच करवाने का निर्णय लिया गया हैं। ऐसे में मुनेश गुर्जर के मेयर पद पर बने रहने से विचाराधीन जांच को प्रभावित करने की पूर्ण संभावना हैं। इसलिए उन्हें निलंबित किया जाता हैं।

सरकार ने दायर कर रखी है कैविएट
वहीं दूसरी ओर इस मामले में राज्य सरकार ने पहले से ही कैविएट दायर कर रखी हैं। ऐसे में हाई कोर्ट मुनेश गुर्जर की याचिका पर कोई भी आदेश देने से पहले सरकार का पक्ष सुनेगा। सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता अनिल मेहता ने यह कैविएट दायर की हैं।

दरअसल मुनेश गुर्जर ने कहा था कि वह निलंबन आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती देगी। ऐसे में कहीं मुनेश गुर्जर को निलंबन आदेश पर स्टे नहीं मिल जाए। इसे लेकर सरकार ने पहले से ही हाई कोर्ट में कैविएट दायर कर दी थी। ऐसे में अब सरकार का पक्ष सुनने के बाद ही कोर्ट कोई आदेश देगा।

बीजेपी ने की मेयर को बर्खास्त करने की मांग
दरअसल पूरे मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की टीम ने 4 अगस्त को जयपुर हेरिटेज नगर निगम मेयर मुनेश गुर्जर के घर छापा मारा था। टीम ने मेयर के पति सुशील गुर्जर और दो दलालों को गिरफ्तार किया था। सुशील पर पट्‌टे बनाने की एवज में 2 लाख रुपए की घूस मांगने का आरोप है। मेयर के घर सर्च में 40 लाख रुपए नकद मिले थे। जिन्हें गिनने के लिए नोट गिनने की मशीन मंगवानी पड़ी थी। इसके साथ ही एक दलाल के घर भी 8 लाख नकद बरामद हुए थे। मामले में मेयर की भूमिका को लेकर भी एसीबी जांच कर रही है। हेरिटेज निगम में कांग्रेस का बोर्ड और मेयर है। अब बीजेपी ने मांग की है कि मुनेश गुर्जर को निलंबित करना ही काफी नहीं है। सरकार मेयर को बर्खास्त करें। वहीं नए मेयर के लिए चुनाव करवाएं।

ब्यूरो के अतिरिक्त महानिदेशक हेमंत प्रियदर्शी (अतिरिक्त चार्ज महानिदेशक) ने बताया कि एसीबी की स्पेशल इंवेस्टिगेशन यूनिट (एसआईयू) जयपुर इकाई को शिकायत दी गई कि पट्टा जारी करने की एवज में सुशील गुर्जर की ओर से दलाल नारायण सिंह और अनिल दुबे के मार्फत 2 लाख रुपए मांगे जा रहे हैं।