जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

सीएम अशोक गहलोत ने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि राहुल गांधी की सभा में लाखों लोग आए और पीएम की सभा में कुर्सियां खाली रह जाती हैं। पीएम नरेंद्र मोदी की सभा में सीकर में इन्होंने देख लिया, जनता ने आईना दिखा दिया। कुर्सियां खाली पड़ी थीं और लोग जाने लग गए थे।

पीएम के भाषण के दौरान कुर्सियां खाली रखना और उनका जाना, वसुंधरा राजे का यही भला करेगा और कोई भला करने वाला नहीं है। वसुंधरा राजे का अगर कोई भला होगा तो इन खाली कुर्सियों से ही होगा। गहलोत गुरुवार को जयपुर में मीडिया से बातचीत कर रहे थे।

गहलोत ने फ्री स्मार्ट फोन योजना की लॉन्चिग के बाद मीडिया से कहा- ईडी,सीबीआई और सारी केंद्रीय एजेंसी को आने दीजिए, वह क्या कर लेंगे? आपके सामने मैं मोदी से बड़ा फकीर बैठा हूं। मैंने एक ग्राम सोना नहीं खरीदा, कोई जमीन या फ्लैट नहीं खरीदा। कोई प्रॉपर्टी नहीं बनाई। मुख्यमंत्री आवास खाली करना पड़ा तो मुझे किराए का मकान ढूंढना पड़ेगा। बीजेपी के लोग झूठे आरोप लगा रहे हैं।

मैंने एसीबी को पांच साल में एक कॉल नहीं किया
गहलोत ने कहा- उत्तर प्रदेश में किसी अफसर पर बिना मुख्यमंत्री की मंजूरी के कोई छापा नहीं डाल सकता। एक यहां का मुख्यमंत्री है, मैंने 5 साल में एक बार भी एंटी करप्शन ब्यूरो(एसीबी) में कॉल नहीं किया, इसको पकड़ो इसको मत पकड़ो, यह मेरा काम नहीं है। इतनी निष्पक्षता से राजस्थान में काम होता है और राजस्थान को बदनाम करते हैं, करप्शन बहुत है।

एसीबी छापों में बड़े-बड़े अफसर पकड़े गए हैं। आरपीएससी मेंबर तक पकड़ा गया है। अगर राजस्थान में एसीबी यूपी की तरह काम करती तो करप्शन का मामला ही नहीं बनता। करप्शन पर जीरो टॉलरेंस का ही परिणाम है कि बीजेपी के लोग हम पर आरोप लगा रहे हैं।

हम पर आरोप लगाने वाले खुद करप्ट, कहां से लाए इतनी प्रॉपर्टी
गहलोत ने कहा- हम पर आरोप लगाने वाले खुद करप्ट लोग हैं। उनसे पूछिए जिंदगी में आपने पैसा कहां से कमा लिया, ये चार-चार मंजिल के बंगले कहां से खड़े कर लिए? तुम लोगों ने कोई काम धंधा किया क्या? यह इतनी प्रॉपर्टी कहां से खड़ी कर ली? कोई आईटी का उद्योग शुरू किया है, तुम्हारे पास पैसा कहां से आया है। इनकी बातों में कोई दम नहीं है।

चुनाव वाले राज्यों में छापे डलवाने मुख्यमंत्री के नजदीकी लोग छांटे जाते हैं
गहलोत ने कहा- जिस राज्य में चुनाव होते हैं, वहां ईडी,सीबीआई, आईटी के छापे शुरू हो जाते हैं। जिसने गलत किया है,चोरी भ्रष्टाचार किया है, उसे हथकड़ी लगाकर जेल भेजिए। गलत तो वह है कि गृह मंत्रालय बैठकर मॉनिटरिंग करवाता है कि चुनाव वाले राज्य में मुख्यमंत्री के नजदीक लोग कौन-कौन हैं, उसके यहां छापे डालो। अगर उस नीयत से आपने ईडी को भेजा है तो गलत है।

गहलोत ने कहा- ईडी,सीबीआई में कोई विदेश के लोग थोड़ी बैठे हैं, वहां भी यहीं के लोग है। जिनका जमीर मरा हुआ है तो बात अलग है अन्यथा एक सीमा के बाद में इन एजेंसियों के लोग अपने बॉस के गलत कामों के लिए मना कर देंगे। अब तो सुनने लगे हैं कि ईडी वाले अगर किसी के यहां आते हैं तो पहले ही कह देते हैं कि टेलीफोन,कागज वगैरह इधर-उधर कर दो ताकि मामला निपटे, यह स्थिति हो गई है।

गवर्नर आरएसएस बैकग्राउंड के हैं,उनसे पूछ लीजिए मेरे फ्रैक्चर है कि नहीं
गहलोत ने कहा- मेरे दोनों पैरों के अंगूठों में चोट लग गई, एक अंगूठे के तीन टुकड़े हो गए और एक अंगूठे का नाखून पूरा बाहर आ गया, उसमें एयरलाइन फ्रैक्चर हो गया है। आपने टूटे हुए अंगूठों की सीटी स्कैन की फिल्म देखी होगी। अब बीजेपी के नेता कह रहे हैं कि कील चुभ गई है। ये इतने निम्न स्तर के लोग हैं, आरोप लगा रहे हैं कि जानबूझकर सिम्पैथी के लिए पट्टा बांधकर घूम रहा हूं। गवर्नर भी आरएसएस बैकग्राउंड के हैं, आप उनसे पूछ लीजिए कि सीटी स्कैन में क्या है?

एससी-एसटी का आरक्षण दो-दो फीसदी बढ़ाने का परीक्षण करवा रहे हैं
गहलोत ने कहा- जब पहली बार मेरी सरकार बनी थी, तब ओबीसी को 21 फीसदी आरक्षण दिया था। उस वक्त 50 फीसदी से ज्यादा आरक्षण नहीं दे सकते थे, इसलिए ओबीसी को 27 की जगह 21 फीसदी ही दिया। मैंने एसटी का आरक्षण छह से बढ़ाकर 12 फीसदी, और एससी का आठ से बढ़ाकर 16 फीसदी किया था, उसके बाद 22 फीसदी बचता था, जिसमें से 21 फीसदी ओबीसी को दे दिया। सुप्रीम कोर्ट ने 50 फीसदी की सीमा खत्म कर दी तो ईडब्ल्यूएस को 10 फीसदी आरक्षण मिल गया। मैंने सबसे पहले ईडब्ल्यूएस को 14 फीसदी आरक्षण देने की मांग उठाई थी।

गहलोत ने कहा- अब 50 फीसदी की सीमा हटने के बाद ओबीसी की अति पिछड़ी जातियों को न्याय मिलना चाहिए। इसलिए ओबीसी आरक्षण 21 से बढ़ाकर 27 फीसदी किया जाएगा, जिससे छह फीसदी अति पिछड़ी जातियों को मिलेगा। एससी-एसटी की आबादी दो-दो परसेंट ज्यादा हो गई है। एसटी की आबादी 14 परसेंट हो गई है, एसटी की 18 हो गई है। हमने एससी आरक्षण 16 फीसदी किया था, वह 18 परसेंट हो गई है उसमें देखते हैं हम कैसे उसे आगे बढ़ा सकते हैं।