बीकानेर ब्यूरो रिपोर्ट। 

खाजूवाला तहसील को अनूपगढ़ जिले में शामिल करने के विरोध में आंदोलन लगातार तेज होता जा रहा है। पिछले आठ दिन से बाजार बंद है और आम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। प्राइवेट स्कूल तक बंद किए जा रहे हैं, जिससे स्टूडेंट्स की पढ़ाई नहीं हाे रही। रविवार को भी आंदोलन के लिए क्षेत्र के युवा सड़कों पर उतर आए हैं।

उग्र प्रदर्शन की चेतावनी

एसडीएम कार्यालय के सामने 8वें दिन भी खाजूवाला बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन जारी रहा और सभी यूनियन व संगठनों के समर्थन के साथ बाजार भी पूरी तरह बंद सफल रहे। खाजूवाला सहित प्रत्येक गांव-ढाणियों से जत्थे के रूप में युवा से बुजुर्ग तक जन आंदोलन में पहुंच रहे हैं। राज्य सरकार के खिलाफ आक्रोश बढ़ता जा रहा है। अब सिर्फ लोगों की खाजूवाला शहर से लेकर गांव-ढाणी तक एक ही स्वर में मांग हैं कि खाजूवाला तहसील के टुकड़े किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं हैं। इसलिए सरकार के स्तर पर जितना जल्दी हो सकें खाजूवाला के अनूपगढ़ में सम्मिलित करने का निर्णय बदला जाए नहीं तो आंदोलन उग्र रूप लेगा तो उसकी जिम्मेदारी भी सरकार व पुलिस-प्रशासन की होगी।

महिलाएं भी शामिल

खाजूवाला में एक महारैली भी हुई जिसमें छोटे से लेकर बड़े वाहनों के साथ हजारों लोग शामिल हुए। जिसमें महिलाएं भी घरों से चूल्हा-चौका छोड़कर जन आंदोलन में पहुंची और रोष जताया। महारैली में ग्रामीणों ने पुष्पवर्षा कर स्वागत किया गया। वहीं खाजूवाला बचाओं संघर्ष समिति को अनूपगढ़ जिले में खाजूवाला को शामिल करने के विरोध में सभी मार्केट की यूनियन व संगठनों ने भी अनिश्चितकालीन खाजूवाला बंद का समर्थन किया। अब व्यापारी यहां भूख हड़ताल पर बैठने को तैयार हैं।

इस दौरान खाजूवाला एसडीएम श्योराम को मुख्यमंत्री व कमिश्नर के नाम ज्ञापन सौंपकर दंतौर उप तहसील खाजूवाला में रखने, खाजूवाला तहसील बीकानेर में यथावत रखने व खाजूवाला को ही जिला बनाने की पुरजोर माँग रखी गई। वहीं आज रविवार को आंदोलन कारी लोगों ने पुलिस-प्रशासन को गिरफ्तारी देने का ऐलान किया है। इस दौरान युवा, बुजुर्गों, महिलाओं सहित बड़ी सँख्या में पुरुष व किसान तथा मजदूर वर्ग भी मौजूद रहा।


खाजूवाला उपखंड मुख्यालय पर विशाल रैली निकाली। खाजूवाला बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले आयोजित विशाल रैली एसडीएम कार्यालय से रवाना होकर मुख्य मार्गों से होते हुए वापस धरनास्थल पहुंची। रैली में बाईक, ट्रैक्टर-ट्रॉली व चौपाहिया वाहनों के साथ किसान व मजदूर वर्ग अपने कृषि वाहनों के साथ बैलगाड़ी लेकर पहुंचे।