राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के सांसद हनुमान बेनीवाल ने गवर्नर के पद पर विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा- गवर्नर का पद तो फालतू का पद है। इस पर काफी ज्यादा खर्च होता है। साथ ही सचिन पायलट पर निशाना साधा है। बेनीवाल ने कहा- सचिन पायलट जब मानेसर गए तब उन्होंने काफी बड़ी-बड़ी बातें कही थीं। मैं आज मुख्यमंत्री बन कर आ रहा हूं। अपने लोगों से कहा था। मैं 15 दिन बाद सीएम बनकर आ रहा हूं। कुछ से यहां तक कहा था कि अब कॉफी CM हाउस में ही पिएंगे। इसके बावजूद वह मुख्यमंत्री नहीं बन पाए। बेनीवाल मंगलवार को जयपुर में सी स्कीम स्थित शकुन होटल में प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा- ऐसा करके उन्होंने अपनी खुद की छवि को खत्म कर दिया। अगर वह वक्त रहते अपनी पार्टी से निकल जाते। आरएलपी और सचिन पायलट मिलकर राजस्थान में 100 सीट जीतकर आते। अब सचिन पायलट का वक्त निकल गया है।
मैंने पायलट की 4 बार की मदद
उन्होंने कहा- मैंने सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने की पैरवी की थी। जब सरकार गिर रही थी। मैं मानेसर में तो नहीं था। मेरी पार्टी के तीनों विधायक भारतीय जनता पार्टी के विधायकों के साथ अशोक गहलोत के खिलाफ वोट करने वाले थे। जब वह कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष थे। उस वक्त राज्यसभा का चुनाव में भी मैंने उनकी मदद की थी।
टोंक के चुनाव के वक्त भी मैं वहां प्रचार करने जाने वाला था। उनका मेरे पास फोन आया। फिर मैं वहां उनके खिलाफ प्रचार करने नहीं गया। मैंने उनकी चार बार मदद की। फिर भी वह मुखर नहीं हुए। मैं उनका इंतजार नहीं कर सकता। मैं अकेला ही सफर पर निकल गया हूं। वैसे भी राजस्थान में 2023 के विधानसभा चुनाव में न मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, न पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और न ही सचिन पायलट कही नजर आएंगे।
मोदी-गहलोत मिले हुए हैं
बेनीवाल ने कहा- मोदी राजस्थान में जहां भी कार्यक्रम में आते हैं। वहां आधे-आधे घंटे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को साइड में ले जाते हैं। अशोक गहलोत को वह खुद अपने जमाने का सबसे सीनियर मुख्यमंत्री बताकर खुद से बड़ा नेता बनने की कोशिश करते हैं। मुझे तो ऐसा लगता है कि अशोक गहलोत भी मोदी से मिले हुए हैं। उन्हें लगता है कि अशोक गहलोत मुख्यमंत्री रहेंगे। उनकी केंद्र में सरकार आसानी से बन जाएगी।
गवर्नर फालतू का पद खत्म करें सरकार
हनुमान बेनीवाल ने कहा- नियम से तो गवर्नर जो कुलाधिपति होते हैं। वह विश्वविद्यालय के कर्ताधर्ता होते हैं। कमजोर गवर्नर आने के बाद हालात बद से बद्तर हो जाते हैं। इनको पता ही नहीं क्या हो रहा होता है। कई जगह ऐसे गवर्नर भी बन जाते हैं। जो मुख्यमंत्री के खिलाफ हो जाते हैं। हमारे गवर्नर साहब कोई बयान ही नहीं देते। क्योंकि उनकी उम्र थोड़ी ज्यादा हो रही है।
डाकिए का काम कर रहे गवर्नर
उन्होंने कहा- ज्यादातर गवर्नर 80 पार के ही बनाते हैं। उन्हें मुख्य धारा की राजनीति से हटाने के लिए गवर्नर बन कर बैठा दिया जाता है। वैसे भी गवर्नर का पद तो फालतू का पद है। इस पर काफी ज्यादा खर्च होता है। इनका चाय, नाश्ते और खाने का हिसाब किताब देखोगे तो आप भी चौक जाओंगे। जबकि इनका काम सिर्फ जो सरकार लिखकर देती है। उसे पढ़ना का ही होता है। सरकार खुद ही पढ़ ले। आखिर इतने से कम के लिए गवर्नर पद ही क्यों है। इसे समाप्त कर देना चाहिए। क्योंकि गवर्नर तो सिर्फ डाकिए का काम कर रहे हैं।
सांसदों का पैसा काटने से क्या रुक गया था कोरोना
बेनीवाल ने कहा- प्रधानमंत्री खर्चा कम करने की बात कहते हैं। हमारे सांसदों के आपने कोरोना के नाम पर 2 साल 10 करोड़ रुपए काट लिए। क्या हमारा पैसा काटने से कोरोना रुक गया। आखिर सांसद विकास कार्य कैसे कराएगा। इसलिए अब मैं प्रधानमंत्री से अपील करूंगा भारत में गवर्नर और जो भी फालतू के पद हैं। इनका कोई लेना-देना नहीं है। उनको खत्म किया जाए। आप दो ही लोग रहे देश में। आपको वैसे भी यह शोख है। इसलिए आपको फालतू पद खत्म करने चाहिए।
14 सितंबर को जयपुर में करेंगे छात्र पंचायत
हनुमान बेनीवाल ने कहा- छात्र संघ चुनाव रद्द करने के बाद प्रदेश की वह काफी नाराज है। ऐसे में अब हम जिला स्तर पर सरकार के खिलाफ रैली निकालेंगे। इसके साथ ही 14 सितंबर को जयपुर के विद्याधर नगर स्टेडियम में छात्र पंचायत का आयोजन करेंगे। इसमें एक लाख से ज्यादा युवा हिस्सा लेंगे। ताकि जल्द से जल्द छात्रसंघ चुनाव का ऐलान होने के साथ ही विधानसभा चुनाव से पहले छात्रसंघ चुनाव का आयोजन करवाया जाए।
मेघवाल पर आरोपों की हो निष्पक्ष जांच
केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल पर विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष कैलाश मेघवाल द्वारा लगाए गए बयानों पर भी सांसद हनुमान बेनीवाल ने अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि मैं कैलाश मेघवाल को बहुत लंबे वक्त से जानता हूं। उन्होंने वसुंधरा राजे पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। बाद में समझौता करके वह विधानसभा अध्यक्ष बन गए। वह आरोप तो सच्चे ही लगाते हैं। बाद में खुद पीछे हट जाते हैं। यह आरोप को अर्जुन राम मेघवाल पर लग रहे हैं। वह भी सच्चे ही है। इसलिए इनकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
भ्रष्टाचार में साथ हैं, गहलोत-वसुंधरा
हनुमान बेनीवाल ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के 2030 विजन को लेकर भी चुटकी ली। उन्होंने कहा- जब 2030 में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत रहेंगे ही नहीं। फिर आखिर किस बात का विजन जारी किया जा रहा है।
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