जोधपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

जोधपुर जिले बालेसर थाना के कुख्यात हिस्ट्रीशीटर भवानी सिंह को बालेसर पुलिस और जोधपुर DST टीम ने शनिवार रात गिरफ्तार कर लिया। पुलिस टीम की भवानी सिंह के साथ मुठभेड़ हुई, जिसमें भवानी सिंह के पैर में गोली लगी। उसे घायल हालत में शेरगढ़ सीएचसी (जोधपुर) लाया गया, जहां से MDM हॉस्पिटल रेफर कर दिया गया। हिस्ट्रीशीटर भवानी सिंह के दो साथियों मूल सिंह और जोग सिंह चाबा को भी हिरासत में लिया गया है। तीनों को शेरगढ़ थाना इलाके (जोधपुर) के गांव शाबा चौराहे से गिरफ्तार किया गया।

70 KM तक पीछे लगी रही पुलिस

जोधपुर ग्रामीण एसपी धर्मेंद्र सिंह यादव ने बताया- शनिवार को जोधपुर जिला स्पेशल टीम (DST) के हेड कॉन्स्टेबल चिमनाराम को बालेसर थाने के हिस्ट्रीशीटर भवानी सिंह के शिव थाना इलाके (बाड़मेर) के मोखाब गांव में छिपे होने की सूचना मिली थी। शनिवार दोपहर 2 बजे डीएसटी टीम बालेसर पहुंची। इसके बाद थाना इंचार्ज सवाई सिंह के निर्देश पर टीम का गठन किया गया।

DST टीम और बालेसर पुलिस दोपहर 2.30 बजे बालेसर से मोखाब गांव (बाड़मेर) के लिए रवाना हुई। 80 किलोमीटर दूर शाम 4.30 बजे टीम मोकाब गांव में रेत के टीलों में छिपे बदमाश भवानी सिंह के आसपास पहुंच गई।

भवानी सिंह को टीम के पहुंचने की भनक लग गई। उसके साथ उसके साथी मूल सिंह और जोग सिंह भी थे। उनके साथ वह बोलेरो कैंपर में सवार होकर शाम 6 बजे शेरगढ़ (जोधपुर) की भाग निकला। DST टीम और बालेसर पुलिस ने तीनों का 70 किलोमीटर तक पीछा किया। बोलेरो कैंपर में सवार तीनों बदमाश शाम 7.30 बजे शेरगढ़ (जोधपुर) से 3 किलोमीटर पहले शाबा चौराहे से कच्चे रास्ते पर उतर गए। पुलिस टीम भी उनके पीछे उस रास्ते पर उतर गई।

भवानी के हाथ में पिस्टल, बाकी दो के पास थी तलवारें

शाबा गांव में घुसने के बाद पुलिस टीम ने बदमाशों का 4 किलोमीटर तक पीछा किया। इस दौरान बदमाशों की बोलेरो कैंपर रेत के टीलों में फंस कर बंद हो गई। काफी प्रयास के बाद भी कार स्टार्ट नहीं हो पाई। शाम 7.50 बजे पुलिस ने पुलिस ने पहुंचते ही बदमाशों को ललकारा और हथियार छोड़कर सरेंडर करने को कहा। हिस्ट्रीशीटर भवानी सिंह के हाथ में पिस्टल थी। अन्य दो बदमाशों मूल सिंह व जोग सिंह के हाथ में तलवारें थीं। टीम ने शेरगढ़ थाना पुलिस को भी मौके पर बुला लिया।

रात 8 बजे के करीब हिस्ट्रीशीटर भवानी ने वहां से बचकर भागने की कोशिश में पुलिस टीम पर 4 राउंड फायर किए। काउंटर अटैक में पुलिस ने दो राउंड फायरिंग की। इस दौरान एक गोली भवानी सिंह के दाएं पैर में घुटने के नीचे लगी। इसके बाद तीनों बदमाशों को घेरकर दबोच लिया।

घायल बदमाश भवानी सिंह को शेरगढ़ सीएचसी लाया गया। जहां से प्राथमिक उपचार के बाद जोधपुर के मथुरादास माथुर अस्पताल रेफर कर दिया गया।

कुई ईंदा सरपंच पर किया था जानलेवा हमला

4 जुलाई 2023 को भवानी सिंह ने अपने 6 साथियों के साथ कुई ईन्दा (बालेसर, जोधपुर) सरपंच तिलोक सिंह पर जानलेवा हमला किया था। सरपंच को घायल हालत में निजी अस्पताल में एडमिट कराया गया था। जोधपुर के निजी अस्पताल में इलाज चला। सरपंच के भाई रावल ने शेरगढ़ थाने में जानलेवा हमले का मामला दर्ज कराया था। रिपोर्ट में बताया कि तिलोक के कुई इंदा गांव में पत्थर कटिंग का आरा लगा है। वहां उनका भांजा जितेन्द्र सिंह काम करता है। 22 जून की रात 2 बजे भवानी सिंह आया और शराब के लिए रुपए मांगे। मना करने पर हवाई फायरिंग की और धमकी देकर चला गया।

सरपंच तिलोक ने भवानी के भाई बड़े भाई सुमेर सिंह को शिकायत की। सुमेर सिंह ने माफी मांगी। 3 जुलाई की शाम 7.30 बजे सरपंच तिलोक सिंह और उसका भांजा जितेन्द्र सिंह फलोदी रोड पर परिचित के खेत में खड़े मोबाइल पर बात कर रहे थे। तब सफेद रंग की बिना नंबर की बोलेरो कैंपर में भवानी सिंह पुत्र छतर सिंह, भूपेन्द्र, मूल सिंह, राजू सिंह, भीख सिंह, धन सिंह, भवानी आदि हाथों में लाठी, तलवार, पिस्टल लेकर आए और तिलोक पर हमला कर दिया। भवानी सिंह ने फायर किया तो तिलोक के बाएं पैर में गोली लग गई। अन्य बदमाशों ने तलवार और लाठियों से ताबड़तोड़ वार किए। इसके बाद सभी फरार हो गए।

सरपंच पर जानलेवा हमला करने से पहले भवानी सिंह पर 4 अप्रैल को बालेसर थाने में ही अवैध हथियार रखने और 1 जुलाई को शेरगढ़ थाना इलाके में मारपीट करने का मामला भी दर्ज था। जिनमें वह फरारी काट रहा था।

2019 में पहला मारपीट का मामला दर्ज

भवानी सिंह (25) के पिता छतर सिंह की मौत हो चुकी है। भवानी तीन भाइयों में दूसरे नंबर का है। भवानी सिंह ने 12वीं पास करने के बाद आगे की पढ़ाई छोड़ दी थी। बड़ा भाई सुमेर सिंह गांव से 30 किलोमीटर दूर कुईं ईंदा गांव में किराने की दुकान चलाता है। छोटा भाई सुरेंद्र पढ़ाई कर रहा है।

पढ़ाई छोड़ने के बाद 2019 में भवानी सिंह ने स्कूल से घर लौटते कुछ स्टूडेंट्स को पीटा था। उसके खिलाफ एससी-एसटी एक्ट के तहत मारपीट और जाति सूचक शब्दों से अपमानित करने का मुकदमा दर्ज हुआ था। इसके बाद वह लगातार छोटे-मोटे अपराध करता रहा। वर्तमान में बालेसर और शेरगढ़ थानों में उसके खिलाफ 8 मुकदमे दर्ज हैं। जिला पुलिस अधीक्षक जोधपुर ग्रामीण धर्मेंद्र सिंह यादव ने उसके बदमाश भवानी सिंह की बालेसर पुलिस थाने में 2023 में हिस्ट्रीशीट खोली थी।