चित्तौड़गढ़ - गोपाल चतुर्वेदी  

चित्तौड़गढ़ देश के सुप्रसिद्ध जादूगर विकास ने कहा है कि देश में प्राचीन जादू की कला अब धीरे-धीरे लुप्त होने के कगार पर है।  इस कला को बचाने के लिए  सरकार को विशेष तौर से ध्यान देने की आवश्यकता है जिससे कि बच्चों के साथ आमजन को स्वस्थ मनोरंजन मिल सके। 

देश के सुप्रसिद्ध जादूगर विकास अपने जादू का हुनर दिखाने के लिए इन दिनों चित्तौड़गढ़ में है। उन्होंने मीडिया से रूबरू होते हुए देश से प्राचीन जादू की कला लुप्त होने पर निराशा प्रकट करते हुए कहा की जादू की कला कई सदियों पूर्व की है और कुछ वर्षों पूर्व तक यह कला स्वच्छ मनोरंजन का सबसे बड़ा संसाधन मानी जाती थी लेकिन बदलते समय आधुनिकता की दौड़ और सरकार की और से इस कला को जीवंत रखने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाने के चलते यह कल अब धीरे-धीरे लुप्त होती दिखाई दे रही है। नई पीढ़ी के युवाओं में इस जादू की कला को सीखने की ललक भी अब दिखाई नहीं दे रही है। इसके कारण अब युवा पीढ़ी जादूगर के खेल को भूल ही गई है। इसी को जीवंत रखने के लिए हम सभी को मिलकर प्रयास करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि बच्चों के बचपन को बचाने के लिए सर्कस और जादूगर के खेल को एक बार फिर से जीवन दान देने की आवश्यकता है। जिसके लिए सरकार और आमजन को आगे आना होगा। उन्होंने बताया कि वे अपनी जादू की कला का हुनर देश और विदेश के कई जगह पर दिखा चुके हैं। सभी जगह पर बच्चों के साथ युवाओं और बुजुर्गों में भी जादू के खेल के प्रति उत्साह दिखाई दिया। इस जादू के खेल को दिखाने के लिए वीर भूमि चित्तौड़गढ़ पहुंचे हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की है यहां पर भी युवाओं के साथ सभी उम्र के लोग इस जादू के खेल का आनंद लेंगे l 

इस अवसर पर इवेंट मैनेजर शबाना खान ने बताया कि हम इस लुप्त होती जादू की कला को बचाने के लिए हम संघर्ष कर रहे हैं साथ ही प्रयास कर रहे हैं कि इस कला को जीवंत रखा जाए। मोबाइल और इंटरनेट की दुनिया मे अपने आप से दूर होते बच्चों और युवा वर्ग को इस जादू की कला से रूबरू कराते हुए एक स्वच्छ मनोरंजन देने का प्रयास कर रहे है l