राजस्थान सरकार के मंत्री गोविंद राम मेघवाल ने कोचिंग स्टूडेंट्स की सुसाइड के पीछे मोबाइल को कारण बताया है। वहीं, मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास और मंत्री महेश जोशी ने कोचिंग संस्थानों की मनमानी पर रोक लगाने की बात कही है। खाचरियावास ने कहा- कोचिंग वालों का इलाज करेंगे। सीएम के समझाने से नहीं मान रहे तो कानून के डंडे से मानेंगे।
रविवार को कोटा में दो स्टूडेंट्स ने टेस्ट सीरीज में कम नंबर आने से तंग आकर सुसाइड कर लिया था। इसके बाद जिला कलेक्टर ने कोचिंग्स में टेस्ट लेने पर रोक लगा दी है। रोक दो महीने के लिए लगाई गई है।
मंगलवार को कांग्रेस वॉर रूम के बाहर गहलोत सरकार के कई मंत्रियों ने मीडिया से बातचीत की और कोचिंग छात्रों के सुसाइड पर नाराजगी जताई। पत्रकारों ने मेघवाल से सवाल किया कि बच्चों में सुसाइड की घटनाएं बढ़ रही हैं। कोटा, हनुमानगढ़ जैसे शहरों का उदाहरण भी दिया।
इस पर मेघवाल ने कहा- रात-दिन मोबाइल देखने से नौजवानों में डिप्रेशन बढ़ रहा है। पहले आदमी परिवार के साथ बैठता था, बात करता था तो सुख-दुख की बात शेयर कर लेता था। इससे उसका मन हल्का हो जाता था। पहले थोड़ा अध्यात्म की तरफ भी रहते थे। अब माहौल बदल गया है। गंदी संगत में बैठते हैं। अब गंदी संगत में बैठेंगे तो इस तरह की भावनाएं (सुसाइड) पैदा होती हैं। सुसाइड के पीछे बहुत सारे रीजन काम करते हैं। परिवार की परिस्थिति के कारण भी बच्चे डिप्रेशन में आ जाते हैं।
खाचरियावास ने कहा- कोचिंग वाले पैसे के दम पर बच्चों को तंग नहीं कर सकते
खाद्य मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने कोचिंग संस्थानों पर मनमानी का आरोप लगाते हुए तल्ख कमेंट किए हैं। उन्होंने कहा- कोचिंग संचालक बहुत पैसे वाले हैं। ये पैसे के दम पर राजस्थान के बच्चों को तंग नहीं कर सकते। कोचिंग वाले सावधान हो जाएं। अगर यही हाल रहा तो एक दिन कोचिंग खाली हो जाएंगे।
पेरेंट्स भी समझें कि आपका बच्चा पढ़ाई में होशियार है। इसीलिए तो आगे बढ़ रहा है। इसमें कोचिंग वालों का क्या योगदान है? कोचिंग वाले बच्चों को परेशान कर रहे हैं। कोचिंग वालों को एग्जाम लेने का राइट नहीं है। कोचिंग वाले हर दूसरे, तीसरे दिन एग्जाम लेने लगे हैं। क्लास में बच्चों से बदतमीजी करते हैं। क्लास में बच्चे को डिमोरलाइज करते हैं। बच्चा बहुत कोमल होता है। जान है, तो जहान है। आप बच्चों को क्यों परेशान कर रहे हो?
कलेक्टर-एसपी ने एक्शन नहीं लिया तो जनता लेगी
खाचरियावास ने कहा- हम जब पढ़ रहे थे तब कोचिंग नहीं थे। तब क्या बच्चे डॉक्टर-इंजीनियर नहीं बन रहे थे? आज से अच्छे नंबर लाते थे। आज कोचिंग का माफिया खड़ा हो गया। इस माफिया के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। सीएम ने एसपी-कलेक्टर को कुछ मैसेज भेजा था। एसपी-कलेक्टर नाजायज कोचिंग के खिलाफ कार्रवाई करें। यदि एसपी-कलेक्टर एक्शन नहीं लेंगे तो जनता एक्शन लेगी। अफसर कोचिंग के प्रभाव में आने की जगह जो सीएम ने निर्देश दिए उनका पालन करें।
महेश जोशी बोले- नई नीति आने तक कोचिंग को बंद कर दीजिए
पीएचईडी मंत्री महेश जोशी ने कहा- बच्चों की मौत का मामला दुखद है। हाल ही में इसको लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोचिंग संस्थानों और अभिभावकों के साथ बैठक की थी। जब तक कोई नई नीति नहीं बन जाती है, तब तक कोचिंग संस्थानों को बंद कर देना चाहिए।
इस साल 24 स्टूडेंट्स ने की सुसाइड
इस साल जनवरी से 28 अगस्त तक 24 स्टूडेंट्स ने सुसाइड किया है। इनमें 13 स्टूडेंट्स को कोटा आए हुए दो-तीन महीने से लेकर एक साल से भी कम समय हुआ था। सात स्टूडेंट्स ने तो डेढ़ महीने से लेकर पांच महीने पहले ही कोचिंग इंस्टीट्यूट में एडमिशन लिया था। इनके अलावा दो मामले सुसाइड की कोशिश के भी सामने आ चुके हैं।
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