भरतपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

विधानसभा चुनाव इसी साल होने वाले हैं और सभी जाति और सभी वर्ग चाहते हैं उनके समाज के व्यक्ति को इस बार विधानसभा चुनाव के लिए मैदान में उतारा जाए। इसे लेकर भरतपुर में रविवार को जिला जाट महासभा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। जाट महासभा के प्रतिनिधियों ने कहा- आजादी के बाद से भरतपुर विधानसभा में कोई जाट प्रत्याशी खड़ा नहीं किया गया। इससे जाट समाज में भारी रोष है। अगर इस बार भी कांग्रेस और बीजेपी कोई प्रत्याशी घोषित नहीं किया तो जाट समाज कड़ा रुख अपनाएगा।

जाट महासभा के पूर्व राष्ट्रीय महामंत्री रामवीर सिंह वर्मा ने कहा कि समाज ने भाईचारा निभाते हुए पांच बार ब्राह्मण पांच बार वैश्य समाज और एक बार कायस्थ समाज को विधायक चुना। लेकिन हर चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी ने जाट समाज की उपेक्षा की है। इस समय भरतपुर विधानसभा में 70 हजार जाट मतदाता हैं। सबसे ज्यादा जाट मतदाता होने के कारण इस बार जाटों की प्रबल दावेदारी बनती है। जिसकी उपेक्षा करना राजनीतिक दलों को भारी पड़ सकता है।

रामवीर वर्मा ने कहा कि जाट समाज को कमजोर करने के लिए डीग विधानसभा ख़त्म करके कुम्हेर डीग विधानसभा बना दी और जाट बाहुल्य भरतपुर लोकसभा को एक साजिश के तहत रिजर्व सीट घोषित कर दिया गया।