उदयपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

शिक्षा विभाग ने हाल ही 6 दिन में ताबड़तोड़ 6 आदेश जारी कर प्रदेश के 401 सरकारी स्कूलों को अंग्रेजी माध्यम में बदला है। उदयपुर में 11 नए स्कूल मिलने के साथ इनका आंकड़ा 124 हो गया है। पिछले सत्र में पूरे राज्य में ऐसे 2070 स्कूल थे, जो अगस्त-2023 तक 3270 हो चुके हैं और चुनावी आचार संहिता लगने से पहले 3400 पार होना तय है।

दरअसल, बजट में चुनाव से पहले तक 3000 अंग्रेजी स्कूल खोलने की घोषणा थी। यह लक्ष्य पूरा हो चुका, लेकिन आचार संहिता लगने में कुछ समय बाकी है। ऐसे में 100 से अधिक स्कूल और खोलने की संभावना है। बता दें, गत 19 अगस्त को 22 जबकि 24 को एक और 25 अगस्त को 5 आदेशों में 379 स्कूलों के आदेश जारी हुए थे।

मौजूदा व्यवस्था में सबसे ज्यादा 192 अंग्रेजी माध्यम विद्यालय सीएम अशोक गहलोत के गृह जिले जोधपुर, जबकि सबसे कम 22 प्रतापगढ़ में हैं। नए संभाग के बांसवाड़ा जिले में 41 और डूंगरपुर में 60 स्कूल हैं। शेष जिलों में कहीं 60 से ऊपर है तो कहीं 100 से अधिक है। पुराने स्कूलों पर ही अंग्रेजी माध्यम का लिहाफ ओढ़ाने पर शिक्षक नेताओं ने एतराज उठाया है। शिक्षक एवं पंचायतीराज शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष शेर सिंह चौहान का कहना है कि सिर्फ दर्जा बदलने से शैक्षणिक व्यवस्थाएं मजबूत नहीं होंगी। इस स्तर के साधन-संसाधन देने होंगे। तभी गुणवत्ता युक्त शिक्षा की सोच धरातल पर दिखेगी।

टॉप 5 जिलों में जोधपुर सबसे आगे

जोधपुर 192

अलवर 175

भरतपुर 151

नागौर 148

बीकानेर 142

इनमें सबसे कम

प्रतापगढ़ 22

झालावाड़ 26

जैसलमेर 33

बूंदी 35

सिरोही 42

तीन स्कूल निरस्त : विभाग ने एक अलग से आदेश जारी कर डूंगरपुर के भीमदड़ी, अलवर में ग्वालदा और झिवाना विद्यालय को महात्मा गांधी अंग्रेजी मीडियम में बदला था। फिर निरस्त भी कर दिया। बताया जा रहा है कि इनमें सुविधाओं का अभाव, बच्चों की कम संख्या जैसे कारणों ने इन स्कूलों का आदेश विड्रॉ किया गया। फिलहाल अजमेर 103, बांसवाड़ा 41, बारां 53, बाड़मेर 106, भीलवाड़ा 92, चित्तौड़गढ़ 68, चूरू 106, दौसा 79, धौलपुर 54, डूंगरपुर 60, श्रीगंगानगर 75, हनुमानगढ़ 112, जालोर 74, झुंझुनूं 87, कोटा 44, करौली 66, पाली 63, राजसमंद 67, सवाई माधोपुर 52, सीकर 167, टोंक में 60 स्कूल हैं।

10-15 स्कूल और बढ़ेंगे : संयुक्त निदेशक

महात्मा गांधी अंग्रेजी विद्यालय के संयुक्त निदेशक पुष्पेंद्र शर्मा का कहना है कि उदयपुर मंडल में अभी 428 महात्मा गांधी अंग्रेजी विद्यालय है और उदयपुर में 124 है। साथ ही कुछ विद्यालयों के प्रस्ताव भी भेज रखे हैं। इसलिए संभावना है कि आने वाले समय में कम से कम 10 से 15 ओर खुलेंगे।

आंकड़े 1 अगस्त से पहले के (जयपुर को छोड़कर)

एक्सपर्ट : संसाधन देने में भी चुस्ती जरूरी, तभी मिलेगी क्वालिटी एजुकेशन

शिक्षा विभाग के सेवानिवृत्त संयुक्त निदेशक गणेशलाल निनामा बताते हैं कि स्कूलों में संसाधन हों या नहीं, बच्चों को किताबें मिलेंगी या नहीं, यह सब सोचने के बजाय विभाग अंग्रेजी माध्यम स्कूल बढ़ा तो रहा है, लेकिन बाद में चुनौती संसाधन और मानव शक्ति के प्रबंधन की होगी।

विभाग को चाहिए कि जिस स्पीड से स्कूल खोले जा रही हैं, उसी गति से संसाधनों के लिए बजट मुहैया कराने और भर्तियों पर भी जोर देना चाहिए। क्योंकि भले ही विद्यालय अंग्रेजी माध्यम के हो गए, लेकिन हकीकत ये है कि बच्चों के पास न तो निशुल्क पाठ्य पुस्तकें पहुंच पाई हैं, न पढ़ाने वाले शिक्षक पर्याप्त हैं। स्कूल उसी परिसर में चल रहे हैं, जहां दूसरे विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं। ऐसे में अंग्रेजी विद्यालय का माहौल तैयार करने के लिए कोई एक्शन प्लान नहीं दिखता है।