जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
जयपुर कमिश्नरेट के भांकरोटा थाने के इंचार्ज को विवादित जमीन पर कब्जा कराने के मामले में सस्पेंड किया गया है। इस मामले के बाद पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ ने कमिश्नरेट के सभी थानों के पुलिसकर्मियों को जमीन विवादों में उलझने की जगह आपराधिक मामलों पर ध्यान देने के लिए कहा है। जोसफ ने कहा कि पुलिस का काम क्राइम कंट्रोल करने का है, जमीन विवाद के मामलों को निपटाने का नहीं। उधर, जयपुर कमिश्नरेट में जमीन संबंधी मामलों की जांच के लिए एक विंग बनाई जाएगी।
बीजू जॉर्ज जोसफ ने कहा- आपराधिक मामला है या कहीं लॉ एंड ऑर्डर खराब हो रहा है तो पुलिस उसमें दखल देगी। विवादित जमीनों पर कब्जा करवाना, जमीन खाली कराना न तो पुलिस को काम था और न पुलिस का काम है। अगर कोई भी इस तरह के मामलों में शामिल पाया जाएगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
कमिश्नर ने कहा- पुलिस का काम आमजन को अपराध मुक्त वातावरण देने का होना चाहिए। अगर पुलिस की मौजूदगी में जमीनी विवाद सुलझाए जाने लगेंगे तो आमजन में पुलिस का छवि खराब होती है। पुलिस क्राइम कंट्रोल और लॉ एंड ऑर्डर खराब होने की स्थिति में काम करें तो उसके लिए अच्छा है।
कमिश्नर जोसफ ने पुलिसकर्मियों से कहा- अगर भांकरोटा जैसा मामला दोबारा सामने आया तो जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जाएगा। जोसेफ ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि पुलिस अधिकारी अपने अधिकार क्षेत्र में आपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लगाने में उसी स्तर का उत्साह दिखाएंगे, जैसा वो विवादास्पद जमीन के मामलों से निपटने में दिखाते हैं।
जमीनी विवाद के मामलों को लेकर बनेगी एक विंग
जयपुर कमिश्नरेट में जमीन संबंधी मामलों की जांच करने के लिए एक विंग बनाई जाएगी। इसमें एडिशनल एसपी स्तर के अधिकारी को मॉनिटरिंग अधिकारी बनाया जाएगा। वह अपने स्तर पर थानों में दर्ज होने वाली जमीनी विवाद की फाइलों पर जांच करवाएंगे। जांच सही हो, इस पर पूरी निगरानी रखी जाएगी। एडिशनल एसपी जांच अधिकारी को समय-समय पर फाइल के साथ कमिश्नरेट बुलाकर प्रगति रिपोर्ट मांग सकते हैं।
फाइल कोर्ट में पेश होने से पहले एडिशनल एसपी तथ्यों की जांच करेंगे। इसके बाद ही फाइल कोर्ट में जाएगी। जमीनी विवाद की शिकायत आने पर सीनियर अधिकारी से बात करके मामले की गंभीरता को देखते हुए मामला दर्ज कर जांच थाने के जिम्मेदार अधिकारी से कराई जाएगी।
भांकरोटा मामले में सीआई, एएसआई और कॉन्स्टेबल सस्पेंड
जमीनी विवादों को सुलझाने के मामलों में पहले भी कई पुलिस अधिकारियों पर गाज गिर चुकी है, लेकिन उसके बाद भी थाना पुलिस के काम करने के तरीके में कोई बदलाव नहीं देखा गया। अब नए कमिश्नर के आने के बाद भांकरोटा मामले में सीआई, एएसआई और कॉन्स्टेबल को किया गया है। वहीं इस मामले की जांच एसीपी स्तर के अधिकारी को दी है, जिसमें सामने आएगा कि इस मामले में और कौन-लोग शामिल थे।
जमीन विवाद का यह था मामला
भांकरोटा थाना इलाके में मुकुंदपुरा गांव में 8 बीघा जमीन को लेकर खातेदार और एग्रीमेंट करने वाले 2 पक्षों के बीच विवाद चल रहा था। इस जमीन पर स्टे भी था। इस दौरान सीआई चेनाराम ने 17 अगस्त को देर रात एक पक्ष के साथ मिलीभगत करके कब्जा करवाने में मदद की और पहले से जमीन पर काबिज पक्ष के कुछ लोगों को शांतिभंग के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। उसके बाद सुबह मामला विभाग के उच्च अधिकारियों तक पहुंचा तो हलचल मच गई। इसके बाद एसएचओ ने दोनों पक्षों की तरफ से केस दर्ज कर लिए।
मामले की जानकारी कमिश्नरेट तक पहुंचने पर जांच सीनियर अधिकारियों से कराई गई। इसके बाद सीआई चेनाराम नरादणिया पुत्र सुगनाराम को कमिश्नरेट बुलाकर उनका पक्ष जाना, लेकिन चेनाराम घटना और खुद के द्वारा किए गए काम को स्पष्ट नहीं कर सके। इस पर चेनाराम को सस्पेंड कर पुलिस लाइन में उपस्थिति देने के आदेश दिए गए। इस पूरे मामले की जांच करने के आदेश एसीपी वैशाली नगर को दिए गए हैं। मामले में संलिप्तता पाए जाने पर भांकरोटा थाने के एएसआई सुरेन्द्र सिंह व हेड कॉन्स्टेबल बाबूलाल को डीसीपी वेस्ट संजीव नैन ने सस्पेंड कर दिया था।
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Justice for lovely kandara
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