बीकानेर ब्यूरो रिपोर्ट। 

सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत गैर शैक्षणिक गतिविधियों में लगे होने से शिक्षक स्कूलों में क्लास नहीं ले पा रहे हैं। इससे छात्र-छात्राओं की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। शिक्षक पहले शहरी एवं ग्रामीण ओलिंपिक प्रतियोगिताओं की तैयारियों में जुटे रहे। इसके बाद वरिष्ठ अध्यापक परीक्षा के लिए शिक्षकों को व्यस्त रखा गया।

झुंझुनूं के शिक्षक नेता राजपाल फोगाड़ ने कहा- 5 से 10 अगस्त तक शहरी एवं ग्रामीण ओलिंपिक प्रतियोगिताओं में शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई। स्वाधीनता दिवस की तैयारी व कार्यक्रम कराने के बाद अब ब्लॉक स्तर पर शहरी एवं ग्रामीण ओलिंपिक के आयोजन के साथ युवा महोत्सव कार्यक्रम करवाने में जुटे हुए हैं। शिक्षकों से शाला दर्पण अपडेशन प्रतिदिन मांगा जा रहा है। नो बैग डे की एक्टिविटी भी प्रत्येक शनिवार को शाला दर्पण पर अपडेट करनी होती है।

इसके बाद मध्याह्न भोजन, बाल-गोपाल दुग्ध योजना, छात्र-छात्राओं की उपस्थिति तथा शिक्षकों की उपस्थिति सहित अन्य कई कार्य प्रतिदिन ऑनलाइन करने होते हैं। आंकड़ों को देखें तो बीते दो माह में शिक्षकों को 67 गैर शैक्षणिक कार्यों में लगाया गया है।

प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में सबसे अधिक पढ़ाई प्रभावित हो रही है। माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालय में भी कुछ शिक्षक गैर शैक्षणिक कार्य में लगाए गए हैं। बीएलओ का कार्य तो शिक्षक लगातार कर रहे हैं। योजनाओं को भी गति देने में इन्हें लगाया गया है।

शिक्षकों से न कराएं गैर शैक्षणिक कार्य

सरकार से विभिन्न शिक्षक संगठनों ने मांग की है कि शिक्षकों से केवल शिक्षण कार्य ही कराना चाहिए। जिससे बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो सके। लेकिल इसका असर नहीं हुआ। दर्जनां काम शिक्षक लिए जा रहें है। इससे शिक्षकों संगठनों में आक्रोश है।

इन कार्यों में लगाए गए शिक्षक

हाउस होल्ड सर्वे, महंगाई राहत शिविर, प्रशासन गांवों के संग, युवा महोत्सव, ग्रामीण-शहरी ओलिंपिक, प्रतिभागी खिलाड़ी शपथ, टी-शर्ट वितरण, टीम गठन, ओलिंपिक ब्लॉक, एफएलएन ट्रेनिंग, प्रधानाचार्य ट्रेनिंग, एपीएआर, आईपीआर अचल संपत्ति, टीएएफ, एसीआर व्याख्याता, एसीआर वरिष्ठ अध्यापक, अध्यापक अस्थायी वरीयता सूची आपत्ति आदि में शिक्षकों को लगाया गया है।

बच्चों का भविष्य खराब हो रहा है

झुंझुनूं के शिक्षक नेता राजपाल फोगाड़ ने बताया कि शिक्षकों से गैर शैक्षणिक कार्य करवाए जा रहे हैं, यह गलत है। बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। भविष्य खराब हो रहा है। आगे चुनाव है, उसमें भी शिक्षकों काम में लिया जाएगा। ऐसे में बच्चों की पढ़ाई कब होगी। सरकार को बच्चों की भविष्य पर ध्यान देना चाहिए।