बीकानेर ब्यूरो रिपोर्ट। 

अब तक पिछले साल से कम बारिश हुई है, लेकिन नुकसान बहुत ज्यादा हुआ है। जिले में 98 कच्चे-पक्के मकान ढह गए और 1016 लोगों को सुरक्षित जगह शरण लेनी पड़ी। बारिश के कारण दो लोगों को जान से हाथ धोना पड़ा है। बीकानेर में पिछले साल 309 एमएम बारिश हुई थी और इस साल अब तक 263 एमएम बारिश हुई है जिसने जमकर तबाही मचाई है।

प्रशासन ने बारिश से हुए नुकसान का प्रारंभिक सर्वे करवाया है। एसडीओ और तहसीलदार के निर्देशन में पटवारियों ने सर्वे कर रिपोर्ट तैयार की है जिसके मुताबिक बारिश में 98 कच्चे-पक्के मकान ढह गए और 991 लोग बेघर हुए। दो पक्के मकान कोलायत में गिरे। कोलायत में ही 33, छत्तरगढ़ में 62 और बज्जू में एक कच्चा मकान ढह गए।

नगर निगम एरिया में 80, छत्तरगढ़ में 380 और बज्जू में 531 लोगों को बेघर होना पड़ा जिनके लिए प्रशासन ने अन्य जगहों पर इंतजाम किए। कोलायत में चार पक्के और 73 कच्चे, छत्तरगढ़ में 145 और बज्जू में एक कच्चा मकान ज्यादा क्षतिग्रस्त हुए हैं। आंशिक रूप से 43 पक्के, 74 कच्चे, 60 झोपड़ियां और 29 केटलशैड क्षतिग्रस्त माने हैं। श्रीडूंगरगढ़ में सबसे ज्यादा बारिश हुई जहां 30 पुराने मकान क्षतिग्रस्त हुए इतने ही आंशिक क्षतिग्रस्त हुए। 25 परिवारों को शिफ्ट किया और 10 लोग राहत कैंप में रुके हैं।

दोनों मृतकों के परिजनों को मिलेंगे 4-4 लाख रु.

कलेक्टर भगवतीप्रसाद कलाल ने बताया कि बारिश में जान गंवाने वाले दो लोगों के परिवारों को 4-4 लाख रुपए सहायता राशि दी जाएगी। इसके अलावा जिनके मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए उन्हें 1.20 लाख रु. आंशिक क्षतिग्रस्त को 400 रु. और पक्के मकान के क्षतिग्रस्त होने पर 5200 रुपए की सहायता दी जाएगी। जिनका नुकसान हुआ है उन्हें एसडीआरएफ नॉर्म्स के मुताबिक आर्थिक सहायता मिलेगी। अभी प्रारंभिक सर्वे की रिपोर्ट तैयार की है। सर्वे चल रहा है और जल्दी ही फाइनल रिपोर्ट तैयार कर ली जाएगी।