कोटा ब्यूरो रिपोर्ट। 

टमाटरों के बढ़ते दामों को देखने हुए केंद्र सरकार की तरफ से एनसीसीएफ (इंडिया लिमिटेड के राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ) के जरिए रियायती दरों पर टमाटर की बिक्री शुरू की गई थी।

कोटा में भी 5 जगहों पर बिक्री की गई लेकिन कुछ ही दिन में यह बंद हो गई। कोटा में करीब चार दिन तक अलग अलग जगहों पर बिक्री शुरू कर टमाटर 80 रुपए किलो में बेचे गए थे। लोग भी बड़ी संख्या में इन कार्ट तक पहुंच रहे थे, लेकिन फिर इन पर बिक्री बंद हो गई।

एनसीसीएफ को भी महंगे मिल रहे टमाटर

एनसीसीएफ क्षेत्रीय प्रबंधक दिल्ली हर्षवर्धन ने बताया कि कोटा में करीब 20 टन से ज्यादा के टमाटर की बिक्री की गई थी। लेकिन अभी दिक्कत यह आ रही है कि आगे से ही सप्लाई हमारे पास तक भी नही आ रही है। महाराष्ट्र में बारिश से फसल खराब हो गई है। हिमाचल से भी माल लेट आ रहा है। महंगे दाम में आ रहा है, जिसकी वजह से दिक्कत हो रही हैं।

उन्होंने बताया कि कोटा में भी बिक्री के दौरान माल खराब होने लगा था। दरअसल, लोग खरीदने तो आ रहे थे कि आधा या एक किलो तक ही टमाटर ले रहे थे। इसमें भी लोग देशी टमाटर की डिमांड भी कर रहे थे। एक किलो से ज्यादा माल कोई लेता नहीं था ऐसे में बचा हुआ भी खराब होने लगता। अब स्थिति यह है कि शॉर्टेज चल रही है।

अब 200 पार

टमाटर 120 से होता हुआ अब दो सौ चालीस रुपए किलो तक पहुंच गया है। कोटा में 240 रुपए किलो के भाव से टमाटर रिटेल में मिल रहा है। इसके बाद आम पब्लिक के लिए फिर से मुश्किलें खड़ी हो गई हैं।