जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
मेवाड़ में टाइगर की गूंज के लिए पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने सैद्धांतिक मंजूरी राज्य सरकार को भेज दी है।
कुंभलगढ़ टाइगर रिजर्व पर सरकार से कोर, बफर और इको सेंसिटिव जोन के अपडेट प्रस्ताव मांगे हैं। चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन अरिंदम तोमर के मुताबिक कोर-बफर की गणना कर हमने पहले ही बता दिया था, अब इको सेंसिटिव जोन सहित जरूरी रिपोर्ट भेजी जाएगी। बैठक 4 अगस्त को हुई थी, जिसमें कुंभलगढ़ टाइगर रिजर्व पर एनटीसीए ने मुहर लगाई थी। सरकार को टाइगर रिजर्व के लिए जरूरी काम करने होंगे।
वन विभाग के मुताबिक 2766 स्क्वायर किमी में यह टाइगर रिजर्व बनेगा। इसमें 800 स्क्वा. किमी का कोर एरिया रहेगा, जिसमें कुंभलगढ़, अरावली, टाड़गढ़ क्षेत्र का जंगल होगा। इसी तरह पहले से चले आ रहे धौलपुर-करौली टाइगर रिजर्व पर भी फाइनल मंजूरी मिल गई है। इसके बाद कुंभलगढ़ छठा टाइगर रिजर्व बनेगा।
दूसरा सर्वाधिक लोकप्रिय टाइगर रिजर्व होगा यह
रणथंभौर से यहां टाइगर भेजे जाएंगे। इससे न केवल बाघों का संरक्षण होगा, बल्कि एमपी की तरह प्रदेश टाइगर स्टेट बनेगा। कुंभलगढ़ पर्यटकों की पसंद रहा है। उदयपुर में ज्यादातर बड़े ग्रुप की होटल है। ऐसे में यह रणथंभौर के साथ दूसरा सर्वाधिक लोकप्रिय टाइगर रिजर्व बनेगा।
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