जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

सरकार की ओर से आमजन को इलाज में राहत देने के लिए शुरू की गई राजस्थान गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (आरजीएचएस) में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। अपने परिचितों और रिश्तेदारों को निशुल्क इलाज दिलाने के लिए सरकारी कर्मचारियों ने रिस्क लेने में भी गुरेज नहीं किया।

शक-शिकायतों के बाद ये कर्मचारी पकड़े गए और उनका आरजीएचएस कार्ड ब्लॉक कर दिया गया। किसी ने अपने सास-ससुर को माता-पिता बना कर एडमिट कराया तो किसी ने अपने चाचा को भर्ती करा दिया। लगातार इस तरह के मामलों के बाद आरजीएचएस की डेटाबेस विजिलेंस एक्टिवेट हुई और मामले पकड़े।

जानकारी के अनुसार करीब 4400 कर्मचारियों और पेंशनर्स ने गड़बड़ी कर या तथ्यों को छिपाकर अपने जानकारों का इलाज कराया और अब जनआधार कार्ड के रिकॉर्ड से मिलान के बाद इन सभी कार्मिकों के कार्ड ब्लॉक कर दिए गए हैं। उधर, 29 मेडिकल स्टोर के लाइसेंस भी निलम्बित किए गए हैं।

7 दिन पहले कार्रवाई

7 दिन पहले ही आरजीएचएस प्रशासन ने 2625 महिला कार्मिकों के आरजीएचएस कार्ड ब्लॉक किए हैं। इनके रिश्तेदारों को बहिन तो किसी ने सास-ससुर को माता-पिता बताकर क्लेम उठा लिया था।

जिन्होंने भी गड़बड़ी की है उनसे तीन गुना ब्याज के साथ राशि वसूल की जाएगी। पहले की तुलना में आरजीएचएस में अधिक संख्या में केस हो रहे हैं।
-शिप्रा विक्रम, परियोजना निदेशक, आरजीएचएस।