जोधपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
भाई व बहन के प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन मनाने को लेकर लोगों के बीच में भ्रम की स्थिति है। रक्षाबंधन सावन मास की पूर्णिमा को भद्रा के बाद मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार रक्षाबंधन पर्व 30 अगस्त को मनाया जाएगा। इस बात का ख्याल रखें कि भद्रकाल में राखी नहीं बांधनी चाहिए। पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर जोधपुर के निदेशक ज्योति आचार्य डॉ. अनीष व्यास ने बताया कि पूर्णिमा तिथि का आरंभ 30 अगस्त को प्रातः 10:59 मिनट पर प्रारम्भ हो जायेगी जो कि अगले दिन प्रात: 07:04 तक तक रहेगी। इस दिन भद्रा प्रात: 10:59 से रात्रि 09:02 तक रहेगी। भद्रा को टालकर रात्रि 09:02 के पश्चात् मध्यरात्रि 12:28 तक राखी बांध सकते हैं। पूर्णिमा के समय को लेकर पंचांग में भी भेद हैं। रक्षाबंधन भद्रा पूंछ - शाम 05:32 - शाम 06:32 रक्षाबंधन भद्रा मुख - शाम 06:32 - रात 08:11 रक्षाबंधन भद्रा का अंत समय - रात 09:02 राखी बांधने के लिए प्रदोष काल मुहूर्त - रात्रि 09:03 - मध्यरात्रि 12:28 तक अति आवश्यकता में मुहूर्त - बुधवार 30 अगस्त को भद्रा प्रारम्भ के पूर्व प्रात: 06:09 से प्रात: 09:27 तक एवं सायं 05:32 से सायं 06:32 तक भी राखी बांध सकते हैं। डॉ. व्यास ने बताया कि 31 अगस्त की सुबह 7.04 बजे तक पूर्णिमा रहेगी। इसके बाद से भाद्रपद मास शुरू हो जाएगा। इस कारण 30 अगस्त को ही रक्षा बंधन और सावन पूर्णिमा से जुड़े धर्म-कर्म करना ज्यादा शुभ रहेगा।
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