मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि मैंने घोषणाएं करने में कमी नहीं रखी है। मैंने कहा था आप मांगते-मांगते थक जाओगे, मैं देते-देते नहीं थकूंगा। अब चुनाव आने वाले हैं। चुनाव में घोषणाएं तो कर नहीं सकेंगे। इसलिए सोच रहा हूं, अब मैं घोषणाएं करने की जगह आगे के लिए गारंटी देना शुरू कर दूं। सरकार बनते ही आपको दी हुई गारंटी को पूरा करूंगा। गहलोत जयपुर में राजीविका सखी सम्मेलन में बोल रहे थे।
गहलोत ने कहा- हम एक करोड़ महिलाओं को आगे फ्री स्मार्टफोन देने के लिए गारंटी कार्ड देने जा रहे हैं। 20 अगस्त से गारंटी कार्ड बांटने की शुरुआत करने जा रहे हैं। गारंटी कार्ड लेने वाली महिलाओं को आगे फ्री स्मार्टफोन मिलेंगे। महंगाई राहत कैंपों के जरिए भी 10 तरह की गारंटी दी गई है। आगे भी हम गारंटी देंगे। सरकार ने फैसले करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। राजस्थान का विकास हो रहा है। महिलाओं के लिए एक से बढ़कर एक स्कीम दे रहे हैं। महिलाएं भी हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। जिस प्रकार से हमारे प्रदेश की महिलाओं ने आगे आकर अपनी क्षमता का परिचय दिया है। वह मिसाल है।
मीटिंग में आने वाली महिलाओं का घूंघट अपने आप ऊपर हो जाता है
गहलोत ने कहा- राजीविका में महिलाओं ने अच्छा काम किया है। मुझे बताया गया है कि महिलाएं मीटिंग में आती हैं। धीरे-धीरे घूंघट अपने आप ऊपर हो जाता है, होना भी चाहिए। जब पहली बार पंचायत चुनाव हुए, महिलाएं गांव में सरपंच बनीं तो सरपंच बनने के बाद उनके पति सारा काम संभालते थे।
पहले सरपंच पति, प्रधान पति और प्रमुख पति का अघोषित पद बन गया था
गहलोत ने कहा- पहली बार जब सरपंचों के चुनाव हुए तो महिला सरंपच के पति साथ आते थे। मीटिंग में बैठते थे। सरपंच बनी पत्नी तो घूंघट में है। नीचे बैठी थी और सरपंच पति हमारे साथ ऊपर आकर बैठते थे। कई बार मीटिंग में पूछते थे कि आप सरपंच नहीं हो, आपकी पत्नी सरपंच है। आप ऊपर जाकर कैसे बैठ गए तो कहते थे कि मैं सरपंच पति हूं। मैं कहता था कि सरपंच पति, प्रधान पति, प्रमुख पति नई पोस्ट क्रिएट कर दी आप लोगों ने। अब हालात बदल गए हैं। धीरे-धीरे महिलाओं में जागरूकता आई और सरपंच, प्रधान, प्रमुख बनी महिलाओं ने पति से कहना शुरू कर दिया कि हम काम संभाल लेंगी। आप घर जाकर बैठिए। इतना अंतर आया है।
हमारे संस्कार अच्छे हैं, महिला पुरुष से पूछे बिना काम नहीं करती
गहलोत ने कहा- हमारे समाज में पुरुषों का वर्चस्व रहा है। हमारे संस्कार अच्छे हैं कि बिना पुरुष को पूछे हुए महिला काम नहीं करती। अब धीरे-धीरे महिलाएं अपने अधिकारों को समझ गई हैं। महिलाओं को संविधान में अधिकार दिया है। महिलाएं अब अपने संवैधानिक अधिकारों को उपयोग में ले रही हैं।
2030 तक विकसित राजस्थान बनाने में सुझाव दें महिलाएं
गहलोत ने कहा- हम 2030 तक विकसित राजस्थान बनाने के लिए विजन-2030 के तहत जनता से सुझाव ले रहे हैं। महिलाएं भी विजन 2030 में अपने सुझाव दें। 2030 तक क्या करना चाहिए, प्रदेश को किस तरह विकसित करना है, उस पर अपने सुझाव दीजिए।
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