जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
केन्द्र की मोदी सरकार के रसोई गैस के निर्णय से सबसे ज्यादा फायदा राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार को हुआ है। इस निर्णय गहलोत सरकार को अब हर महीने 75 करोड़ रुपए से ज्यादा फायदा होगा। क्योंकि राज्य सरकार को हर महीने उज्जवला और बीपीएल कनेक्शनधारियों को औसतन 156 करोड़ रुपए सब्सिडी के तौर पर राशि ट्रांसफर करनी पड़ती है, अगले महीने से आधी हो जाएगी।
दरअसल केन्द्र की मोदी सरकार ने आगामी नवंबर-दिसंबर में होने वाले 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों में वोटर्स को लुभाने के लिए रसोई गैस की कीमतों में 200 रुपए प्रति सिलेण्डर की कटौती करने का फैसला लिया है। सरकार ने इस फैसले का लाभ सभी उपभोक्ताओं को मिलेगा। राजस्थान में वर्तमान में तीनों कंपनियों (बीपीसीएल, एचपीसीएल, आईओसीएल) 1 करोड़ 75 लाख 48 हजार से ज्यादा कनेक्शनधारी है। इनमें से 69 लाख 20 हजार से ज्यादा उज्ज्वला कनेक्शधानी है, जबकि 3 लाख 80 हजार बीपीएल कनेक्शनधारी।
आपको बता दें कि वर्तमान में 14.2 किलोग्राम का घरेलु उपयोग का गैस सिलेण्डर जयपुर में 1106.5 रुपए में बाजार में मिल रहा है। लेकिन राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार उज्जवला और बीपीएल कनेक्शधारियों को ये सिलेण्डर 500 रुपए में दे रही है।
1.02 करोड़ उपभोक्ताओं को ही फायदा
केन्द्र की मोदी सरकार के इस निर्णय का फायदा उन 1.02 करोड़ उपभोक्ताओं को होगा, जिनको राज्य सरकार से सब्सिडी नहीं मिल रही। राजस्थान की गहलोत सरकार वर्तमान में उज्जवला कनेक्शनधारियों और बीपीएल कनेक्शनधारियों को रसोई गैस सिलेंडर सब्सिडी दर पर उपलब्ध करवा रही है। उज्जवला और बीपीएल के राज्य में करीब 73 लाख उपभोक्ता है।
हर माह 75 करोड़ रुपए का फायदा
गहलोत सरकार अभी उज्जवला और बीपीएल परिवारों को हर महीने सब्सिडी के तौर पर करीब 156 करोड़ रुपए ट्रांसफर कर रही है। अब ये सितम्बर से कम होकर 75 करोड़ रुपए के आसपास रह जाएगी। जुलाई में ट्रांसफर की गई ये राशि 36.76 लाख परिवारों को ट्रांसफर की गई है।
मार्च में बढ़ाए थे 50 रुपए
केन्द्र सरकार ने घरेलु रसोई गैस सिलेण्डर के दाम इस साल मार्च में 50 रुपए बढ़ाए थे। इससे पहले घरेलु उपयोग का सिलेण्डर लोगों को अप्रैल 2022 तक एक हजार रुपए से कम कीमत 953 रुपए में मिलता था। मई 2022 में रेट बढ़ाने के बाद पहली बार सिलेण्डर एक हजार रुपए से पार हो गया था, लेकिन अब ये कम होकर वापस 1 हजार रुपए से कम हो गया।
अप्रैल 2020 से बंद है सब्सिडी
केन्द्र सरकार ने ही कोविडकाल में रसोई गैस सिलेण्डर पर मिलने वाली सब्सिडी को बंद किया था। अप्रैल 2020 से सरकार ने बिना कोई आदेश जारी किए सब्सिडी की राशि को ट्रांसफर करना बंद कर दिया था। तब से अब तक लगातार लोगों को रसोई गैस सिलेण्डर बाजार कीमत पर लेना पड़ता है।
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