अजमेर ब्यूरो रिपोर्ट। 

अजमेर में बंदरों के आतंक से निजात पाने के लिए अजमेर नगर निगम ने बंदर पकड़ने का वर्कऑर्डर जारी किया है। 15 लाख के इस वर्कऑर्डर में 1900 रुपए प्रति बंदर के हिसाब से निगम इस फर्म को पेमेंट करेगा। आगामी 1 सितंबर से जयपुर की फर्म बंदर पकड़ना शुरू कर देगी। बंदर पकड़ने के बाद कहां छोड़ा जाना है, इस बारे में वन विभाग दिशा-निर्देश देगा। शहर से करीब 40 से 50 किमी दूर जंगलों में इन बंदरों को छोड़ा जाएगा ताकि बंदर दुबारा शहर की ओर ना आ सकें।

जहां ज्यादा आतंक, वहां सबसे पहले लगेंगे पिंजरे
बंदर पकड़ने के लिए यह फर्म सबसे पहले उन क्षेत्रों में पिंजरे लगाएगी, जहां इन दिनों बंदर ज्यादा आतंक मचा रहे हैं। पंचशील, छतरी योजना के सभी ब्लॉक, शास्त्रीनगर, वैशाली नगर, रामदेव नगर, हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी, एलआईसी कॉलोनी सहित आसपास के अन्य क्षेत्रों में बंदरों का आतंक है। बंदर आपस में झगड़ते हैं, काट खाते हैं।

दो दर्जन से ज्यादा लोगों को बंदर पिछले 2-3 माह के दौरान काट चुके हैं। पिछले दिनों भोपों का बाड़ा क्षेत्र में बंदर ने एक व्यक्ति का कान काट दिया था। घर के गार्डन में लगे पौधों को उखाड़ना, अंदर घुसकर फ्रिज खोलकर फल-सब्जी ले जाना, किचन से खाने-पीने का सामान ले जाना, छतों पर पानी की टंकियों के ढक्कन खोलकर उसमें नहाना, पानी का नल खोलना सहित तरह-तरह के अन्य उत्पातों से लोग परेशान हैं।

पुष्कर घाटी से शहरों में आकर रहने लगे बंदर
निगम अधिकारियों के अनुसार इससे पहले बंदर पकड़ने के लिए 22 लाख का ठेका छूटा था। करीब 1200 लाल मुंह के बंदरों को पकड़कर जंगल में छोड़ा गया था। कोरोना काल के दौरान पुष्कर घाटी से बड़ी संख्या में बंदर शहर में आ गए थे। पिछले 2-3 सालों में इनकी संख्या में लगातार बढ़ी है। बंदरों के आतंक की प्रतिदिन 10 से 15 शिकायतें मिल रही हैं। लोग संपर्क पोर्टल के माध्यम से भी शिकायतें कर रहे हैं।