भीलवाड़ा ब्यूरो रिपोर्ट। 

एक करोड़ रुपए की लागत से डिजिटल लाइब्रेरी बनाना हो या आरसी व्यास कॉलोनी में चौपाटी आैर शॉपिंग कॉम्पलेक्स। नेहरु विहार कॉलोनी के लोगों की प्यास बुझाने की बात हो या कोठारी नदी के रिवर फ्रंट का मामला। यूआईटी ने ऐसी कई योजनाओं का सपना शरहवासियों को दिखाकर ट्रस्ट मीटिंग में प्रस्ताव पारित किए लेकिन, लंबे समय बाद भी इन योजनाओं पर काम नहीं हुआ। शहर के महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट के रूप में पटेलनगर में गांधी वाटिका विकसित करनी था। इससे शहरवासियों को स्मृति वन के अलावा एक और ऑक्सीजन हब मिलता।

इसी प्रकार, पटरी पार के लोगों को मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराने के लिए आजाद नगर में अंबेश हॉस्पिटल के पास मेडिसिटी योजना भी बननी थी। एनजीटी के निर्देश पर कोठारी नदी को भी विकसित करने का जिम्मा यूआईटी ट्रस्ट मीटिंग में लिया गया लेकिन सभी योजनाएं आज तक प्रस्ताव से आगे ही नहीं बढ़ पाई। इसके विपरीत पिछले महीनों यूआईटी मीटिंग में 12 फाइलें अप्रूव करके नियमों के विपरीत मुआवजे के लिए राज्य सरकार को भेज दी। ये सभी फाइलें पांसल रिंग रोड के लिए अवाप्त जमीन के मुआवजे से जुड़ी हुई हैं। हालांकि यूआईटी की आेर से राज्य सरकार को ये फाइलें भेजने के बाद इस पर राज्य सरकार ने अॉब्जेक्शन लगाकर वापस लौटा दी। इसके बाद से ही ये फाइलें बंद हो गई।

आजाद नगर; 4 हॉस्पिटल की मेडिसिटी

पटरी पार पश्चिमी दिशा में चिकित्सा सुविधा के लिए अंबेश हॉस्पिटल के पास मेडिसिटी योजना बनाई। अस्पताल के लिए चार भूखंड, नर्सिंग होम के लिए 7 भूखंड, डायग्नोस्टिक सेंटर के लिए तीन भूखंड और मेडिकल शॉप, बैंकिंग सुविधाओं एवं होटल आदि के लिए 57 भूखंड बनाए।

हकीकत: भूखंडों नीलामी में बेचने थे। मौके पर सफाई भी हो गई लेकिन योजना एकाएक रोक दी।

नेहरु विहार; स्टोरेज टैंक-पंप स्टेशन

18 अप्रैल 2023 को हुई मीटिंग में नेहरु विहार कॉलोनी के लिए पेयजल समस्या का निदान करते हुए विद्या निकेतन परिसर में 700 लाख किलो लीटर क्षमता का स्टोरेज टैंक आैर पंप स्टेशन बनाने का प्रस्ताव लिया। इस पर 74.79 लाख रुपए व्यय होने का अनुमान लगाया।

फायदा: छह साल से पेयजल संकट का सामना कर रहे नेहरु विहार के करीब 2 हजार परिवार को राहत मिलेगी।

हकीकत: पंप हाउस बनाने के लिए अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई।

पटेलनगर; गांधी वाटिका

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में गांधी वाटिका विकसित करनी थी। गत 21 जून को यूआईटी ट्रस्ट मीटिंग में गांधी वाटिका का प्रस्ताव लिया था। इसके अनुसार पहले चरण के काम के लिए 681.05 लाख रुपए का टेंडर किया। निविदा फाइनल भी हो गई लेकिन ट्रस्ट स्तर पर इसे अब तक राज्य सरकार को नहीं भेजा गया।

हकीकत: प्राप्त निविदाओं पर निर्णय नहीं किया।

6.50 किमी का कोठारी रिवर फ्रंट

कोठारी नदी को अहमदाबाद की साबरमती नदी की तर्ज पर पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए करीब सवा करोड़ रुपए का कोठारी रिवर फ्रंट प्रोजेक्ट बनाया। करीब 6.50 किमी में सवा लाख रुपए पौधे लगाकर सौंदर्यीकरण करना था।

हकीकत: नदी पर केवल झोपड़ियां हटी। किनारे की करोड़ों की जमीन पर भू-माफियाओं ने कब्जे कर लिए या प्लॉट काट दिए। नाम मात्र के पौधे लगाए।

जिला मुख्यालय पर यूथ हॉस्टल

जिला मुख्यालय पर 100 स्टूडेंट क्षमता का आवासीय यूथ हॉस्टल बनाना था। इसके लिए तिलकनगर योजना में जमीन आवंटन करने पर भी विचार विमर्श हुआ। इसी प्रकार, आजाद नगर में 50 की क्षमता का इंदिरा गांधी वर्किंग महिला छात्रावास बनाने का भी प्रस्ताव लिया गया। आजाद नगर में जमीन भी चिन्हित की गई।

हकीकत: यूथ हॉस्टल एवं वर्किंग महिला छात्रावास की योजना में न तो जमीन आवंटित हुई न ही योजना को मूर्त रूप देने के लिए प्रस्ताव से आगे कोई कार्रवाई हुई।

जानिए, जनता के काम के 5 प्रस्ताव जिन पर प्रस्ताव पारित होने के बाद काम नहीं हुआ

मनमर्जी }ऑब्जेक्शन के बाद से बंद हैं फाइलें

पांसल रिंग रोड से जुड़ी मुआवजे की 12 फाइलें राज्य सरकार को नियमों के विपरीत भेजी गई। जबकि स्पष्ट उल्लेख था कि ये फाइलें सरकार को नहीं भेजी जा सकतीं। सरकार को जो पत्र भेजा गया उसमें भी लिखा हुआ था कि ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, इसके बावजूद सरकार को विचार के लिए भेजी। राज्य सरकार ने इन पर अॉब्जेक्शन लगाते हुए इनको वापस भेज दिया। उसके बाद से ही ये फाइलें बंद पड़ी हैं।

गलती }बहुउद्देशीय योजना में 200 फीट रोड निर्माण

बहुउद्देशीय योजना में गोविंदपुरा की ओर 200 फीट रोड को मेडिकल कॉलेज के पास 100 फीट सड़क में मिलाने का प्रस्ताव लिया। आपसी समझौते में भूमि अवाप्त करनी थी। सड़क के दोनों ओर 100-100 फीट चौड़ाई में अधिक भूमि अवाप्त की जाएगी ताकि प्रस्तावित 200 फीट सड़क के अतिरिक्त 100 फीट अधिग्रहित भूमि को यूआईटी की ओर से नीलाम कर सड़क बनाने में होने वाले व्यय की क्षतिपूर्ति हो सके।