जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
जयपुर जिले के चौमूं कोर्ट में गुरुवार को लोगों की भीड़ ने यही नजारा देखा। चोरी के 11 साल पुराने मामले में शिनाख्त के लिए भैंस को अदालत में तलब किया गया। गवाह के पहचान करने पर भैंस को वापस उसके मालिक को सौंप दिया।
पीड़ित चरण सिंह सेरावत (48) निवासी बिशनपुरा-चारणवास हाल निवासी नींदड़ बालाजी इंजीनियरिंग कॉलेज के पास हरमाड़ा ने बताया कि करीब 11 साल पहले हरमाड़ा पुलिस थाने में तीन भैंस चोरी हो जाने की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। पुलिस ने मामले की जांच करते हुए भरतपुर इलाके के नगर थाना क्षेत्र से दो भैंस बरामद कर सुपुर्द कर दी थी। इसमें एक भैंस की कुछ समय बाद मौत हो गई थी।
सरकारी वकील ने कोर्ट से गुहार लगाई थी कि शिनाख्त के लिए भैंस को अदालत परिसर में लाया जाना चाहिए। इस पर चरण सिंह भैंस के साथ चौमूं महानगर मजिस्ट्रेट क्रम संख्या 10 की कोर्ट में पेश हुआ। कोर्ट परिसर में पिकअप गाड़ी में भैंस को देखकर हर कोई कौतूहल से देख रहा था। इस दौरान कोर्ट परिसर के बाहर लोगों की भीड़ लग गई। गवाह सुभाष चौधरी ने भैंस की पहचान की।
गवाह के पहचान करने पर मालिक को सौंपी भैंस
कोर्ट में पिछले 11 साल से चल रहे मामले में गुरुवार को गवाह कानोता बस्सी निवासी सुभाष चौधरी को बयानों के लिए तलब किया गया। इस दौरान गवाह से पहचान करने के लिए बरामद की गई भैंस की पहचान करने के लिए कोर्ट में बुलाया गया। इस पर मालिक चरण सिंह पिकअप गाड़ी में भैंस को लेकर कोर्ट पहुंचा। इसके बाद कोर्ट में गवाह के द्वारा पहचान करने पर पीड़ित चरण सिंह सेरावत को भैंस वापस सुपुर्द कर दी गई।
अगली सुनवाई 13 सितंबर को
चोरी के आरोपी के वकील अजय शर्मा ने बताया कि 26 जुलाई 2012 को परिवादी चरण सिंह सेरावत ने मुकदमा दर्ज करवाया था। इस मामले में कोर्ट में परिवादी और चोरी हुई भैंस बरामदगी को पहचान के लिए कोर्ट में बुलाया गया। एक आरोपी गिरफ्तार अरशद मेव निवासी नगर जिला भरतपुर को गिरफ्तार किया गया था। जिसको कोर्ट ने जमानत पर रिहा कर दिया था।
इस मामले में कुल 21 गवाह है, जिसमें तत्कालीन नगर थाना प्रभारी हीरालाल सैनी और परिवादी चरण सिंह सेरावत सहित 5 जनों के बयान हो चुके हैं। अभी इस मामले में 16 जनों के गवाह के तौर पर बयान होना बाकी है। अगली 13 सितंबर 2023 को कोर्ट में गवाह सुभाष चौधरी व अन्य गवाहों को बयानों के लिए आना पड़ेगा।
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