जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

करीब 10 साल पुराने एकल पट्टा प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट ने आज पूर्व आईएएस जीएस संधू, रिटायर आरएएस निष्काम दिवाकर व ओंकारमल सैनी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा हैं। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट इसी मामलें में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल को भी नोटिस जारी कर चुका हैं।

आज सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले से जुड़ी दोनों एसएलपी को टैग करने के निर्देश भी दिए। सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्देश अशोक पाठक की एसएलपी पर सुनवाई करते हुए दिए। एसएलपी में हाई कोर्ट के 17 जनवरी 2023 के आदेश को चुनौती दी गई हैं।

हाई कोर्ट ने केस वापस लेने की कार्रवाई को माना था सही
राजस्थान हाई कोर्ट ने राज्य सरकार के संधू सहित अन्य आरोपियों के खिलाफ केस वापस लेने की कार्रवाई को सही माना था। वहीं एसीबी कोर्ट के उस आदेश को भी रद्द कर दिया था। जिसमें कोर्ट ने राज्य सरकार की संधू सहित तीनों आरोपियों के खिलाफ लंबित केस को वापस लेने वाली अर्जी खारिज कर दी थी।

एसएलपी में कहा गया है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ दर्ज केस की एफआईआर को केवल शिकायतकर्ता के राजीनामे के आधार पर रद्द नहीं किया जा सकता। यह केस राज्य सरकार का केस है जो भ्रष्टाचार के खिलाफ है। ऐसे में राज्य सरकार द्वारा आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार केस को वापस लेना जनहित में नहीं है और इससे समाज में गलत संदेश जाएगा। हाईकोर्ट ने मामले में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप होते हुए भी राज्य सरकार की कार्रवाई को सही माना है, जो गलत है। इसलिए हाईकोर्ट का आदेश रद्द किया जाए।

गणपति कंस्ट्रक्शन को जारी हुआ था एकल पट्टा
इस पूरे मामले में जेडीए ने गणपति कंस्ट्रक्शन के प्रोपराइटर शैलेन्द्र गर्ग के नाम एकल पट्टा जारी किया था। जिसकी शिकायत परिवादी रामशरण सिंह ने 2013 में एसीबी में की थी। मामले की जांच करते हुए एसीबी ने तत्कालीन एसीएस जीएस संधू, डिप्टी सचिव निष्काम दिवाकर व जोन उपायुक्त ओंकारमल सैनी, शैलेन्द्र गर्ग और दो अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर इनके खिलाफ एसीबी कोर्ट में चालान पेश किया था। वहीं अन्य के खिलाफ मामले में जांच पेंडिंग रखी थी। मामला बढ़ने पर विभाग ने एकल पट्टा निरस्त कर दिया था।