जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

राजस्थान में सफाई कर्मचारी भर्ती को लेकर विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। मंगलवार को भर्ती में 66% वाल्मीकि समाज के युवाओं को प्राथमिकता देने की मांग को लेकर सफाई कर्मचारियों ने यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के घर का घेराव किया।

जिसके बाद मंत्री धारीवाल ने शनिवार को अधिकारियों से बातचीत के बाद समाधान की बात कही। जिस पर सफाई कर्मचारियों ने शनिवार को फैसला नहीं होने पर सोमवार से आंदोलन की चेतावनी दी।

दरअसल, पिछले दिनों संयुक्त वाल्मीकि और सफाई श्रमिक संघ के पधाधिकारियों के साथ हुए समझौते में भर्ती में 66 प्रतिशत वाल्मीकि समाज के लोगों को नियुक्ति देने और पूर्व में सफाई का काम कर चुके कर्मचारियों को वरीयता देने की मांग पर सहमति बनी थी।

लेकिन भर्ती विज्ञप्ति में इसको लेकर कोई प्रावधान नहीं था। जिसके बाद आज वाल्मीकि समाज के सैकड़ो लोगों ने यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के बंगले का घेराव किया।

संयुक्त वाल्मीकि और सफाई श्रमिक संघ के अध्यक्ष नंदकिशोर डंडोरिया ने बताया कि मंत्री शांति धारीवाल ने समाज की सभी वाजिब मांगों को पूरा करने का वादा किया है। ऐसे में हमें पूरा विश्वास है। सरकार 28 अप्रैल को प्रशासन के साथ हुए समझौते को लागू करेगी। इसके साथ ही बढ़े हुए पदों के साथ संशोधित विज्ञप्ति जारी करेगी।

इसको लेकर मंत्री जी के साथ शनिवार को हमारी बैठक होगी। जिसमें हमारी मांगों को लेकर फैसला किया जायगा। लेकिन अगर हमारी मांग नहीं मानी गई। तो सोमवार से सफाई कर्मचारी आंदोलन राह पर आगे बढ़ेंगे। जिसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी।

5 मांगों को लेकर आंदोलन की चेतावनी

  • बजट 2023-24 के अनुरूप सफाई कर्मियों के 30 हजार पदों की भर्ती सक्षम स्वीकृति के बाद की जाएगी।
  • भर्ती प्रक्रिया में सफाई का परम्परागत रूप से कार्य करने वाले वर्ग जैसे मेहतर, हेला और वाल्मीकि समाज के लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी।
  • भर्ती प्रक्रिया में नियमों को बनाए जाते समय नगर पालिका भर्ती दिशा-निर्देश 2013 में वर्णित भर्ती संबंधी प्रावधानों के बिंदु संख्या 13 को दृष्टिगत रखा जाएगा।
  • अंतिम रूप से नियम प्रकाशन से पहले संयुक्त वाल्मीकि सफाई श्रमिक संघ से सलाह ली जाएगी।
  • हड़ताल अवधि के दौरान किसी भी कर्मचारी के विरुद्ध कोई अनुशासनात्मक कार्यवाही नहीं करने के साथ ही उस अवधि का उसका वेतन नहीं काटा जाएगा।