जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

राजस्थान सरकार एक बार फिर पासबुक, वनडे सीरीज और वन वीक सीरीज पर अंकुश लगाने की तैयारी कर रही है। जयपुर में शिक्षा विभाग की कार्यशाला को संबोधित करते हुए शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने कहा कि इस तरह की किताबों ने स्टूडेंट्स के दिमाग को खोखला कर दिया है। जिससे वह अच्छे से पढ़ लिखकर तैयारी नहीं कर पा रहे हैं। इसलिए अब शिक्षा विभाग इस पासबुक सिस्टम को पूरी तरह खत्म करेगा। ताकि राजस्थान की शैक्षणिक व्यवस्था को बेहतर से और बेहतर बनाया जा सके।

शिक्षा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला ने कहा कि CM गहलोत राजस्थान को नॉलेज सेंटर बनाना चाहते हैं। लेकिन इसमें वन डे सीरीज, वन वीक पास बुक्स की एंट्री सही नहीं है। इनसे स्टूडेंट का दिमाग खोखला हो जाता है। इसी वजह से स्टूडेंट प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार नहीं हो पाता है।

इसलिए हमें इन्हें स्टूडेंट्स से दूर करना होगा। राजस्थान से पासबुक सिस्टम को खत्म करना होगा। कल्ला ने कहा कि राजस्थान के सरकारी स्कूलों से पढ़े हुए बच्चे IAS अधिकारी भी बने है। ऐसे में हमें फिर से प्रदेश की शैक्षणिक व्यवस्था को बेहतर से और बेहतर बनाना होगा। तभी हम अपने मिशन में काबियाब हो सकेंगे।

इस दौरान शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने RTE मामले में आ रही परेशानियों को जिला स्तर पर इन्हें सुलझाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर एक केंद्र बनाया जाए। जिसमें डीईओ अपने माध्यम से RTE के मामलों को सुलझाएंगे। इस दौरान उन्होंने कहा कि RTE के तहत प्री प्राइमरी का मामला फिलहाल कोर्ट में है। ऐसे में सरकार कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रही है। कोर्ट जो भी फैसला होगा, हम उसे ही मानेंगे।

वहीं शिक्षा मंत्री कल्ला ने बताया कि महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूलों में टीचर्स के पदों पर फिर से भर्ती होने जा रही है। जिसमें इस बार 13 हजार पदों पर टीचर्स की भर्ती की जाएगी। CM अशोक गहलोत ने इसकी स्वीकृति दी है। ऐसे में जल्द ही नई भर्ती के लिए आवेदन की प्रक्रिया को शुरू किया जाएगा। हालांकि यह भर्ती कॉन्ट्रैक्ट बेस पर होगी। जैसे फिलहाल 10 हजार पदों पर भर्ती चल रही है।

इस दौरान शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव नवीन जैन ने अधिकारियों को 2012 के आदेश को अमल में लाते हए पासबुक सिस्टम पर लगाम लगाने के आदेश दिए। इसके साथ ही उन्होंने विभाग में चल रही लाल फीता शाही को रोकने की नसीहत दी। जैन ने कहा कि शिक्षा विभाग के अधिकतर अधिकारी फाइल को सूंघकर ही डायरेक्ट्रेट ट्रांसफर कर देते हैं।

नीचे के अधिकारी ऊपर के अधिकारी के पास मार्क करके भेजने में संकोच नहीं करते है। जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए। हमें समाधान की और आगे बढ़ना चाहिए। ऐसे में इस तरह के कल्चर को अब बदलने का वक्त आ गया है।

जैन ने कहा कि ‘नो बैग डे‘ के नवाचार के तहत शिक्षा विभाग आगामी दिनों में स्कूलों में स्टूडेंट्स को ‘गुड टच-बैड टच‘, सड़क सुरक्षा, व्यक्तित्व विकास और कॅरियर काउंसलिंग, तम्बाकू निषेध और संविधान की उद्देश्यिका और मूल कर्त्तव्यों के बारे में जानकारी देने के लिए विशेष अभियान शुरू करेंगे। जिसको लेकर अंतिम दौर की तैयारी चल रही है।