जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

सीएम अशोक गहलोत के आरपीएससी को संवैधानिक संस्था बताकर भंग नहीं होने के बयान पर नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने पलटवार किया हैं। राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि अगर RPSC संवैधानिक संस्था हैं। उसमें कोई कमी नहीं है तो सीएम अशोक गहलोत को उसे पुरस्कृत करना चाहिए।

सरेआम पैसे लेकर नौकरियां लुटाने वाली संस्था को सीएम पुरस्कृत करें। एक कार्यक्रम रख ले। उसमें जेल से बाबूलाल कटारा को बुलाकर साफा पहनाओ। उनका सम्मान करों। गोपाल केसावत तो चांदी का चरखा काटकर उसमें से सोने के तार निकाल ही रहे थे। उन्हें भी कार्यक्रम में बुला लो। मंजू शर्म व संगीता आर्य जो आपके सलाहकार की पत्नी है। उन्हें भी सम्मान कार्यक्रम में बुलाओ। उनका भी सम्मान सीएम अशोक गहलोत को करना चाहिए।

दरअसल आज सीएम अशोक गहलोत ने कहा था कि कल विपक्ष के लोगों ने आरपीएससी को भंग करने की मांग रखी थी। इनमें इतनी अक्ल नॉलेज होनी चाहिए। आरपीएससी संविधान के अंतर्गत बनी हुई संस्था है। कोई इसको भंग नहीं कर सकता। इतनी नॉलेज तो होनी चाहिए ना।

हमारी सरकार आने पर जांच करेंगे
राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि हमारी सरकार आने पर हम आरपीएससी द्वारा करवाए गई सभी परीक्षाओं की जांच करेंगे। उन्होंने कहा कि ये लोग कल एंटी चीटिंग बिल में उम्रकैद का प्रावधान लेकर आए है। लेकिन जब यह बिल लाया गया था। उसके बाद से अब तक 7 पेपर लीक हो चुके हैं। लेकिन इन्होंने किसी में भी एक भी आरोपी की प्रोपटी अटैच नहीं की। राठौड़ ने कहा कि हाथी के दांत खाने के कुछ ओर और दिखाने के कुछ ओर होते हैं।

जनता को दोनों पैर दिखाते हुए मणिपुर पर चिंता व्यक्त की
राठौड़ ने सीएम अशोक गहलोत की प्रेस कांफ्रेंस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आज सीएम अशोक गहलोत ने जनता को दोनो पैर दिखाते हुए मणिपुर की घटना पर चिंता व्यक्त की। लेकिन मैने कल भी विधानसभा में कहा था कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इसी तरह की चिंता खाजूवाला की घटना पर भी दिखाते। करौली व दौसा की घटना पर भी इतनी ही चिंता दिखाते।

राठौड़ ने कहा कि कल इनके मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा ने सदन में सच्चाई बयां कर दी तो उन्हें बर्खास्त कर दिया। राठौड़ ने कहा कि यह वहीं गुढ़ा है, जिनके बेटे के जन्मदिन पर जाकर सीएम अशोक गहलोत ने कहा था कि अगर राजेन्द्र गुढ़ा नहीं होते तो मेरी सरकार नहीं होती। इनका एहसान मैं कभी नहीं भूल सकता हूं। लेकिन कल वो इसलिए सीएम गहलोत के कोप का भाजन बन गए। क्योंकि उन्होंने जन संघर्ष यात्रा में सचिन पायलट का साथ दिया।