जोधपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

हार्डकोर हिस्ट्रीशीटर कैलाश मांजू को नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआइए) ने गुजरात से गिरफ्तार कर लिया है। कैलाश मांजू एक लाख रुपए का इनामी और जोधपुर का हार्डकोर बदमाश है। एनआईए की टीम ने इनपुट मिलने पर गुजरात में दबिश देकर कैलाश मांजू को पकड़ लिया। मांजू के खिलाफ राजपासा में एक साल के लिए निरूद्ध करने संबंधी आदेश जारी हुए थे। इसके बाद वह फरार था। मूल रूप से भाटेलाई पुरोहितान हाल चौपासनी बाइपास, जोधपुर निवासी कैलाश मांजू पुत्र रामचन्द्र बिश्नोई को एनआईए की टीम ने हिरासत में ले लिया है। बीते दिनों एनआईए की टीम ने उसके गांव भाटेलाई और जोधपुर में चौपासनी बाइपास स्थित मकान पर दबिश दी थी।

कैलाश मांजू नहीं मिला तो टीम ने परिजनों को नोटिस देकर कहा था कि कैलाश मांजू दिल्ली एनआईए दफ्तर में पेश हो। मांजू पर लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़े होने और अवैध हथियार तस्करी के आरोप हैं। इन्हीं को लेकर एनआईए को उसकी तलाश थी।

21 फरवरी को वीतराग सिटी में दी थी एनआईए ने दबिश

इसी साल 21 फरवरी को एनआईए की टीम ने जोधपुर के डाली बाई मंदिर के पास स्थित वीतराग सिटी के फ्लैट पर भी छापेमारी की थी। एनआईए की टीम यहां तीन गाड़ियों के साथ पहुंची थी। टीम ने वीतराग सिटी के मालिक से भी जानकारी ली थी।

टीम को सूचना मिली थी कि यह फ्लैट हार्डकोर अपराधी कैलाश मांजू की पत्नी के नाम पर था। एनआईए को लॉरेंस बिश्नोई के साथ कनेक्शन की जानकारी मिली थी। इसी के चलते एक ही साथ देश भर में लॉरेंस गैंग से जुड़े अपराधियों के ठिकानों पर छापेमारी की गई थी।

वीतराग सिटी में कार्रवाई से पूर्व एनआईए टीम कैलाश मांजू के गांव भाटेलाई पुरोहितान भी पहुंची थी। मांजू भाटेलाई गांव का पूर्व में सरपंच रह चुका है। यहां टीम ने आधे घंटे तक उसके घर पर सर्च किया। हालांकि वहां कोई बरामदगी नहीं हुई। टीम ने कैलाश और उसके आसपास के घरों की फोटो और वीडियोग्राफी की थी।

एनआईए को लॉरेंस बिश्नोई के तार पाकिस्तान से जुड़े होने की जानकारी मिली थी। इसके बाद लॉरेंस गैंग के साथ नाम सामने आने पर कैलाश मांजू ने वीडियो भी जारी किया था। जिसमें उसने खुद को लॉरेंस के साथ कनेक्शन होने से इनकार किया। कहा कि लॉरेंस बिश्नोई उसका दुश्मन है। उसका लॉरेंस से कोई कनेक्शन नहीं है।

2019 से चल रहा फरार

भाटेलाई गांव का पूर्व सरपंच कैलाश मांजू हिस्ट्रीशीटर और हार्डकोर अपराधी है। कैलाश पर जोधपुर पुलिस ने साल 2019 में राजपासा लगाया था। उसके बाद से मांजू फरार चल रहा था। उसकी तलाश में पुलिस की कई टीमें भी लगी हुई थी।

भतीजे पर हुई थी फायरिंग

बता दें कि एनआईए ने जिस वितराग सिटी में तलाशी ली। वहां कैलाश मांजू के भतीजे राकेश मांजू पर 1 फरवरी को फायरिंग हुई थी। गंभीर घायल हुए राकेश को पहले जोधपुर के मथुरादास माथुर हॉस्पिटल लाया गया था बाद में उसे परिजन अमदाबाद ले गए थे।

लॉरेंस की राजस्थान में एंट्री के सवाल पर मांजू ने कहा था- लॉरेंस 2016-17 में राजस्थान में एंट्री करना चाह रहा था। उसने जोधपुर की लोकल गैंग से संपर्क किया। जोधपुर के खुडाला के बदमाश विष्णु कावां से लॉरेंस ने फिरौती वसूलने के लिए बड़े बिजनेसमैन की लिस्ट बनाने को कहा था।

विष्णु ने जैन ट्रेवल्स के मालिक मनीष जैन और श्रीराम अस्पताल के डायरेक्टर सुनील चांडक की पूरी प्रोफाइल और फोन नंबर लॉरेंस बिश्नोई को दिए। लॉरेंस ने अपने गुर्गों से फोन करवा कर मनीष जैन और सुनील चांडक को फोन करके लाखों की फिरौती मांगी।

फिरौती नहीं देने पर लॉरेंस के कहने पर जोधपुर के बदमाशों ने मनीष जैन और सुनील चांडक के घर पर 17 मार्च 2017 को फायरिंग की और लग्जरी कारों में आग लगा दी। इसके बाद दोबारा फिरौती के लिए धमकाया।

ऐसे हुई लॉरेंस बिश्नोई से दुश्मनी

गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई से दुश्मनी के सवाल पर मांजू ने कहा था कि मनीष जैन के पार्टनर ओम बागरेसा ने उसे फोन करके बताया कि पंजाब के एक गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ने मनीष जैन से फिरौती मांगी है। वो उनको पैसे नहीं देने पर जान से मारने की धमकी भी दे रहा है। इस पर मेरी मनीष जैन से बात हुई। मैंने मनीष भाई को पैसे देने के लिए स्पष्ट मना कर दिया।

उनसे कहा इन बदमाशों को पैसे नहीं देने हैं। आज यह पंजाब से फोन कर रहे हैं, कल बिहार, फिर यूपी से फोन करके पैसे मांगते ही रहेंगे। एक बार इनको पैसे देने के बाद यह पीछा ही नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने मुझसे मदद मांगी तो मैंने लॉरेंस बिश्नोई से फोन पर बात की।