जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।

राजस्थान प्रशासनिक सेवा परिषद् और अन्य कुछ RAS अधिकारीयों द्वारा दायर याचिका का निस्तारण करते हुए हाई कोर्ट की दो जजों की बेंच ने राज्य की अन्य सेवाओं से IAS में की जाने वाली पद्दोनति पर रोक लगा दी है।  जस्टिस नरेंद्र मोहन श्रीवास्तव और जस्टिस प्रवीर भटनागर की खंड पीठ ने यह आदेश पारित किया। कोर्ट आदेश में नॉन सिविल सेवाओं से तय कोटा मानकर की जाने वाले प्रोमोशन पर रोक लगते हुए राज्य सरकार को एक हफ्ते में यह बताने को कहा गया है कि किन्हीं मामलो में कोई विशेष परिस्तिथियां हैं तो लिखित रिपोर्ट पेश करें। दरअसल IAS बनने के दो ही तरीके हैं।  पहला UPSC द्वारा चयन और दूसरा RAS से पद्दोनति।  रास से आईएएस बनने वालों का कोटा 33.33% होता है।  इनेबलिंग कोटे के प्रावधानों को तोड़-मरोड़कर राज्य सरकार इस 33.33% कोटे में से 15% अन्य सेवाओं से पद्दोनति देने में उपयोग करने लगी जिसका विरोध राजस्थान प्रशासनिक सेवा परिषद् व अन्य ने किया था।  अंतरिम  राज्य सरकार द्वारा 4 पदों के  मांगे  आवेदन  प्रक्रिया अपने आप निरस्त हो जाएगी।