बीकानेर ब्यूरो रिपोर्ट। 

ईस्टर्न राजस्थान कैनाल परियाेजना काे राजस्थान में भाजपा सरकार आने बाद राष्ट्रीय परियाेजना का दर्जा मिलेगा और उसे पूरा करेंगे। सीएम अशाेक गहलाेत सिर्फ जमीन बेचकर बिचाैलियाें काे सक्रिय कर रहे हैं। केन्द्र सरकार ईआरसीपी काे लेकर गंभीर है लेकिन केन्द्र की मीटिंग में गहलाेत अधिकारियाें काे नहीं भेजते। जयपुर में हुई मीटिंग में भी अधिकारी नहीं अाते। ये सरकार का रवैया साबित करता है कि ईआरसीपी पर गहलाेत सिर्फ सपने बेच रहे हैं।

ये आराेप विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठाैड़ ने मुख्यमंत्री अशाेक गहलाेत पर लगाए। मीडिया से बातचीत में राठाैड़ ने कहा कि केन्दीय जल शक्ति मत्री जयपुर में मीटिंग करने पहुंचे थे फिर भी गहलाेत ने अपने अधिकारियाें काे इस मीटिंग में नहीं जाने दिया क्याेंकि अगर चले जाते ताे ईआरसीपी पर काेई बात बनती लेकिन गहलाेत काे सिर्फ लाेगाें काे गुमराह करना है।

अब विभाग की तमाम जमीन बेच रहे हैं लेकिन मुझे शंका है कि ये जमीन ईआरसीपी के लिए नहीं बल्कि बिचाैलियाें काे फायदा पहुंचने के लिए बेची जा रही है। राजस्थान की साेलर नीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि 13 हजार मेगावाट बिजली उत्पादित हाेती है।

लाेगाें की जमीन हड़पी लेकिन अगर 50 प्रतिशत की शर्त लगाते ताे पर्याप्त एनर्जी हाेती। बाेले, हम शनिवार काे प्रधानमंत्री के समक्ष राजस्थान कीे 126 किलाेमीटर सरहद खाेलने का मुद्दा उठाएंगे। उप नेता प्रतिपक्ष सतीश पूनियां ने कहा कि प्रधानमंत्री ने राजस्थान काे अपने नाै साल के कार्यकाल में इतना दिया कि इससे पहले काेई प्रधानमंत्री नहीं दे पाया।