जयपुर  ब्यूरो रिपोर्ट। 

कन्हैयालाल हत्याकांड के आरोपियों को कन्हैयालाल की दुकान पर लगे सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध करवाने के आदेश एनआईए की विशेष अदालत ने दिए हैं। बुधवार को कोर्ट ने आरोपियों के प्रार्थना पत्र को आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए यह आदेश दिए। कन्हैयालाल की हत्या के बाद की तस्वीरों के साथ उसकी दुकान की रंगीन फोटो आरोपियों को नहीं मिलेगी। इस प्रार्थना को कोर्ट ने खारिज कर दिया है।

मांगी थी चार्जशीट की हिंदी कॉपी
कन्हैयालाल हत्याकांड में शामिल 9 में से 8 आरोपियों ने एनआईए कोर्ट में एप्लिकेशन लगाकर चार्जशीट की हिन्दी कॉपी व कन्हैयालाल की हत्या के बाद की कलर फोटोज़, उसकी दुकान की कलर फोटो, दुकान पर लगे सीसीटीवी फुटेज व आरोपियों के लिए गए वॉयस सैंपल की सीडी की कॉपी मांगी थी।

चार्जशीट की हिन्दी कॉपी देने के आदेश कोर्ट ने मंगलवार को ही दे दिए थे। जज रविन्द्र कुमार द्वितीय ने बुधवार को दुकान पर लगे सीसीटीवी के फुटेज व वॉयस सैंपल की सीडी आरोपियों को उपलब्ध कराने के आदेश दिए। आरोपियों की ओर से अधिवक्ता मिन्हाज़ुल हक ने पैरवी की।

22 दिसम्बर 2022 चालान पेश किया था
कन्हैयालाल की हत्या के मामले में एनआईए ने पाकिस्तान के कराची निवासी सलमान व अबू इब्राहिम को फरार बताते हुए मुख्य आरोपी गौस मोहम्मद व मोहम्मद रियाज अत्तारी सहित 11 आरोपियों मोहसिन, आसिफ, मोहम्मद मोहसिन, वसीम अली, फरहाद मोहम्मद शेख उर्फ बबला, मोहम्मद जावेद व मुस्लिम मोहम्मद के खिलाफ आतंकी गतिविधियों के आरोप में 22 दिसम्बर 2022 चालान पेश किया था।

एनआईए की विशेष अदालत ने 9 फरवरी 2023 को हत्या, आतंकी गतिविधियों, आपराधिक षड्यंत्र सहित यूएपी एक्ट व आर्म्स एक्ट में संज्ञान लिया था। अब 26 जुलाई को मामले में चार्ज बहस की तारीख तय की गई है। कन्हैयालाल टेलर की उदयपुर में 28 जून 2022 को जघन्य हत्या कर आरोपियों ने इस वारदात का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया था। बाद में इस मामले की जांच एनआईए को सौंपी गई थी।

क्या होता है चार्ज फ्रेम
कोर्ट में चार्जशीट में लगाए गए आरोपों (धाराओं) को लेकर चार्ज फ्रेम बहस होती है। इसमें NIA की ओर से अपॉइंट वकील (टीपी शर्मा) आरोपियों पर लगाई गईं धाराओं की पैरवी करते हैं। इस दौरान सभी आरोपियों के बचाव पक्ष के वकील को जो अनुचित लगता है, वे उन धाराओं का विरोध करते हैं। बहस पूरी होने के बाद कोर्ट चार्ज फ्रेम करती है। आरोपियों को उन पर लगाए गए आरोप धाराओं के साथ सुनाए जाते हैं। इसे ही चार्ज फ्रेम बहस पूरी होना कहते हैं। इसके बाद मुख्य ट्रायल शुरू हो जाता है।