जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

जयपुर कमिश्नरेट में ट्रैफिक वायरलेस करने पर अब चालान सिंगापुर पुलिस की तर्ज पर कटने वाला है। ऑटोमैटिक नम्बर प्लेट रिकॉगनाइज( ANPR) की मदद से पुलिस आपका चालान फोटो, वीडियो, लोकेशन और टाइम घर पर भेज देगी। जयपुर ट्रैफिक पुलिस इस तकनीक को इस्तेमाल करने के लिए जल्द 400 से अधिक कैमरे सड़कों पर लगाने वाली है।

एडिशनल पुलिस कमिश्नर ट्रैफिक राहुल प्रकाश ने बताया- डीओआईटी को जयपुर कमिश्नरेट की ओर से जल्द एक पत्र भेजा जाने वाला हैं। इसमें अच्छी रेंज और लैंस के कमरों की डिमांड की गई हैं। इससे की एएनपीआर उन कैमरों की मदद से वाहन के नम्बर प्लेट को दूर से ही डिटेक्ट करके उनका चालान कर सकेगी। वाहन चालक को पता भी नहीं चलेगा की उसका चालान हो चुका हैं।

वह चालक अपने घर या मंजिल तक पहुंचेगा। इस तकनीक की मदद से उसके मोबाइल पर चालन पहुंच जाएगा। अभी तक सिंगापुर ही एक देश है। जहां पर ANPR तकनीक से चालान किए जाते हैं। इस चालान का पूरा फीडबैक अभय कमांड सेंटर तक पहुंचेगा। जहां पर जिम्मेदार अधिकारी इस पर काम करके चालान की प्रक्रिया को तेज करते हैं।

शहर पर तीसरी नजर का काम करता है अभय कमांड सेंटर

बता दें कि जयपुर शहर ही नहीं अपितु जयपुर रेंज तक अभय कमांड सेंटर से नजर रखी जाती है। जिलों से आने वाले सूचना को यहां पर देखा,समझा जाता हैं। जिसके बाद जिम्मेदार अधिकारियों को यहां से मैसेज कर के कार्रवाई के आदेश भी दिए जाते हैं। एडिशनल पुलिस कमिश्नर ट्रैफिक राहुल प्रकाश ने बताया कि अभय कमांड शहर की तीसरी आंख हैं। इस कमांड रूप के पास बहुत काम होते हैं।

जैसे लॉ एंड ऑर्डर, ट्रैफिक मूवमेंट, वीआईपी मूवमेंट, क्राइम देखना, क्राइम होने से रोकना, क्राइम होने के बाद बदमाश को गिरफ्तार करने के लिए उस पर नजरे बनाए रखना सहित कई काम अभय कमांड से किए जाते हैं। इसलिए इसे शहर की तीसरी आंख भी बोला जाता है। कमांड सेंटर से शहर में हुई कई घटनाओं को रोकने और बदमाशों को पकड़ में लिया गया हैं। डीओआई की ओर से अभी शहर में 400 कैमरे लगे हुए हैं। अगर 400 कैमरे और शहर में लग जाएंगे तो शहर के हर कोने की फीड अभय कमांड तक होगी। इससे अपराध और अपराध दोनों कम हो सकेंगे।

अभी हर दिन किए जा रहे 3 हजार चालान
जयपुर में मौजूदा समय में प्रतिदिन 3 हजार से अधिक चालान किये जा रहे हैं। इसमें एक हजार चालान मौके पर बनाए जाते हैं। बाकी मजिस्ट्रेट के पास भेजे जाते हैं। मजिस्ट्रेट तय करता है, कितने का चालान बनाना हैं। जयपुर ट्रैफिक पुलिस जो 1 हजार चालान करती है। उस में अधिकतम 500 रुपए लेती हैं।

इन जगहों पर लग सकते हैं कैमरे
जयपुर के आउटर में,रिंग रोड पर, खुली सड़कों पर,जयपुर में एंट्री करने के एक किलोमीटर के अंदर, कुछ कैमरे जयपुर ग्रामीण और जयपुर कमिश्नरेट की सीमाओं पर भी लगाए जाएंगे।