जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

'मंत्री जाहिदा खान से मेरे 3 लाख रुपए दिला दो।'

'प्रभारी रंधावा मंत्री जाहिद खान से हमारे पैसे दिलवा दो।'

'राजस्थान सरकार की सबसे भ्रष्ट मंत्री जाहिदा खान विधायक कामां हैं।'

जयपुर स्थित प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पर रातों-रात लगे पोस्टरों पर यही लाइनें लिखी गई हैं। ये पोस्टर हैंडरिटेन हैं। पढ़ने से ऐसा लग रहा है, जैसे कि शिक्षकों ने अपनी पीड़ा जाहिर की है। तबादलों के नाम पर भ्रष्टाचार करने और लाखों रुपए लेने के आरोप शिक्षा राज्य मंत्री जाहिदा खान पर लगाए गए हैं। पोस्टर किसने लगाए हैं, इसकी जानकारी नहीं है।

आनन-फानन में हटाए गए पोस्टर्स
उधर, मंगलवार सुबह प्रदेश मुख्यालय पहुंचे कर्मचारियों ने इन पोस्टर्स को देखा तो होश उड़ गए। उन्होंने कांग्रेस के बड़े नेताओं को इसकी सूचना दी। आनन-फानन में ये पोस्टर हटवाए गए। फिलहाल जाहिदा खान का इसको लेकर किसी तरह का कोई बयान सामने नहीं आया है।

दिनभर रहती है चहल-पहल
दिन के समय पीसीसी के बाहर चहल-पहल रहती है। आसपास कई दुकानें हैं। इनमें सीसीटीवी हैं। रात के समय दुकानें बंद रहती हैं। इसलिए पोस्टर लगाने के लिए रात का समय चुना गया। पोस्टर लगाने वाले ने खुद को दुखी शिक्षक लिखा है। कहीं गरीब किसान का बेटा लिखा है।

निवदेक की जगह लिखा- दुखी शिक्षक
पोस्टर्स में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा से अपील करते हुए लिखा गया है- मंत्री जाहिदा खान से मेरे 3 लाख रुपए दिला दो। दूसरे पोस्टर में लिखा- प्रभारी रंधावा मंत्री जाहिद खान से हमारे पैसे दिलवा दो। तीसरे पोस्टर में लिखा है- राजस्थान सरकार की सबसे भ्रष्ट मंत्री जाहिदा खान विधायक कामां हैं। निवेदक दुखी शिक्षक।

पहले सामने आ चुके हैं मामले
प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय के बाहर मंत्री-नेताओं के खिलाफ पहले भी पोस्टर लगते रहे हैं। पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान टिकट वितरण के समय असंतुष्ट नेताओं ने भी कांग्रेस मुख्यालय में पोस्टर लगाए थे। पोस्टर्स पर पैसे लेकर टिकट देने के आरोप लगाए गए थे। कुछ दिन पहले जलदाय मंत्री महेश जोशी के खिलाफ एक युवक ने पीसीसी मुख्यालय में धरना दिया था। उस युवक ने महेश जोशी पर भी पैसे को लेकर आरोप लगाए थे। बाद में मामला थाने तक पहुंचा था और मुकदमा दर्ज करवाया था।

तबादलों को लेकर हमेशा विवाद
शिक्षा विभाग में तबादलों को लेकर विवाद नई बात नहीं है। हर सरकार के समय शिक्षक तबादलों को लेकर विवाद होते रहे हैं। तबादलों को लेकर कोई साफ पॉलिसी नहीं होने से करप्शन के आरोप लगते हैं। राजनीतिक सिफारिशों के आधार पर तबादले होते हैं। प्रदेश में ग्रेड थर्ड टीचर्स लंबे समय से तबादलों की मांग कर रहे हैं। उनके अब तक तबादले नहीं होने पर भी कई बार असंतोष सामने आ चुका है।