जोधपुर-उदयपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

अजमेर विद्युत वितरण निगम के बिजली बिलों में फ्यूल सरचार्ज जोडऩे को लेकर उदयपुर व डूंगरपुर के कुछ उद्यमी ने राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर गए। मामले में हाईकोर्ट ने उनको राहत देते हुए स्थगन आदेश दिए है। उदयपुर के अशोक विहार निवासी मधु मेहता पत्नी रोहित मेहता, बिछीवाड़ा निवासी मिलिंद पुत्र लीलाराम त्रिवेदी आदि इस मामले को लेकर हाईकोर्ट गए।

उन्होंने राज्य सरकार के ऊर्जा विभाग के प्रमुख शासन सचिव, राजस्थान इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेशन कमीशन के चेयरमैन, अजमेर विद्युत निगम अजमेर के एमडी, अतिरिक्त इंजीनियर बिछीवाड़ा, सहायक इंजीनियर डूंगरपुर, अतिरिक्त चीफ इंजीनियर मुख्यालय अजमेर को पक्षकार बनाते हुए जोधपुर हाईकोर्ट में याचिका पेश की।

याचिका में कहा कि बिजली निगम ने बिजली बिलों के साथ फ्यूल सरचार्ज जोडकऱ भेजा जो सर्वथा अनुचित है, इसमें उनको राहत दी जाए। इस पर हाईकोर्ट ने याचिका लगाने वालों के पक्ष में स्थगन आदेश दिया। इधर, इस मामले में उद्यमी रोहित मेहता ने बताया कि 60 महीने तक 7 पैसे प्रति युनिट के हिसाब से अतिरिक्त फ्यूल सरचार्ज लिया जबकि पहले इसका फ्यूल सरचार्ज लिया जा चुका है। अब फ्यूल सरचार्ज सभी उद्योगों पर लगाया है, उद्योग ने जो माल एक साल पहले बेच दिया है उसका भुगतान हो चुका है। वे बोले फ्यूल सरचार्ज से उद्योगों पर संकट आ गया है।